National Shooter पवन चौहान को नहीं मिल रहा एम्युनिशन और राइफल का लाइसैंस, जानिए क्यों

Edited By Vijay, Updated: 22 Jan, 2019 03:10 PM

national shooter not getting ammunition and rifle s license

हमीरपुर जिला के टौणी देवी क्षेत्र के महाड़े गांव के नैशनल शूटर पवन कुमार चौहान पिछले 2 वर्षों से शूटिंग नहीं कर पा रहे हैं, जिसका कारण प्रशासन की लचर प्राथमिकताएं व औपचारिकताएं हैं। शूटर पवन कुमार चौहान ने वर्ष 2016 में नैशनल चैम्पियनशिप में 93...

हमीरपुर: हमीरपुर जिला के टौणी देवी क्षेत्र के महाड़े गांव के नैशनल शूटर पवन कुमार चौहान पिछले 2 वर्षों से शूटिंग नहीं कर पा रहे हैं, जिसका कारण प्रशासन की लचर प्राथमिकताएं व औपचारिकताएं हैं। शूटर पवन कुमार चौहान ने वर्ष 2016 में नैशनल चैम्पियनशिप में 93 प्रतिशत अंक हासिल कर रिनोट शूटर का खिताब जीता था लेकिन गत 2 वर्षों से 6 एम.एम. राइफल का लाइसैंस न बन पाने और .22 का एम्युनिशन न मिल पाने से शूटर पवन कुमार चौहान दोबारा नैशनल चैम्पियनशिप की तैयारियां नहीं कर पा रहा है। पवन ने अब दुखी होकर होम सैक्रेटरी और चीफ सैक्रेटरी को एक पत्र लिखकर गुहार लगाई है कि उन्हें प्रैक्टिस के लिए स्पोटर्स राइफल का लाइसैंस और .22 का एम्युनिशन प्रदान करवाया जाए।

ए.डी.सी. शिमला का पत्र होने के बावजूद नहीं बन रहा लाइसैंस

उन्होंने ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि शिमला में उन्होंने शूटिंग के लिए 6 एम.एम. की राइफल खरीदी, जिसका लाइसैंस हमीरपुर में ए.डी.सी. कार्यालय में उनके नाम रजिस्टर होना था। इस कार्य के लिए करीब 6 से 7 दिन लगते हैं लेकिन 20 दिन बीतने के बाद भी अभी तक उक्त राइफल का लाइसैंस उनके नाम नहीं बन पाया है, वहीं शिमला के ए.डी.सी. ने उक्त राइफल का लाइसैंस हमीरपुर में उनके नाम रजिस्टर करने का पत्र भी दे रखा है। उन्होंने बताया कि मेरे पास पहले सैल्फ राइफल व लाइसैंस था, जिसे  स्पोटर्स लाइसैंस में तबदील करवाने के लिए जिला प्रशासन को लिखित रूप से सभी औपचारिकताएं मई, 2018 में पूरी दीं लेकिन 4 माह बाद जिला प्रशासन की तरफ से जवाब मिला कि आपको स्पोटर्स लाइसैंस बनाने के लिए नए सिरे से आवेदन करना होगा, जिसके बाद स्पोटर्स लाइसैंस बनाने के लिए नए सिरे से सारी औपचारिकताएं पूर्ण करनी पड़ीं।

स्पोटर्स लाइसैंस में दर्ज नहीं किया .22 का एम्युनिशन

स्पोटर्स लाइसैंस में 6 एम.एम. की राइफल को दर्ज कर दिया गया लेकिन .22 के एम्युनिशन को दर्ज नहीं किया गया, जिसके चलते आज तक .22 का एम्युनिशन प्रैक्टिस के लिए नहीं मिल पाया है। उन्होंने बताया कि गत 2 वर्षों से वह स्पोर्ट्स राइफल का लाइसैंस और एम्युनिशन लेने के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहा है, लेकिन हताशा और निराशा के अलावा कुछ नहीं मिला। उन्होंने सरकार से मांग की है कि शूटिंग खेल को बढ़ावा देने के लिए इस खेल से जुड़े खिलाडिय़ों की मदद के लिए आगे आए ताकि शूटिंग में हिमाचल के खिलाड़ी भी ओलिम्पिक व कॉमनवैल्थ गेम्स में पदक जीत सकें।

सॉफ्टवेयर की गलती से पेश आई समस्या

ए.डी.सी. हमीरपुर रत्न चंद गौतम ने कहा कि पवन कुमार चौहान ने राइफल शिमला में खरीदी है तथा उसकी रजिस्ट्रेशन यहां पर तभी होगी जब शिमला से उन्हें कोई पत्र मिलेगा। ऑरिजनल अथॉरिटी से कन्फर्म करने के बाद ही राइफल की एंट्री पवन कुमार चौहान के लाइसैंस में की जा सकती है। पवन कुमार चौहान के राइफल लाइसैंस में .22 एम्युनिशन का दर्ज न हो पाना कम्प्यूटर के सॉफ्टवेयर की गलती से हुआ है।

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