Edited By Punjab Kesari, Updated: 02 Nov, 2017 02:38 AM
पं. जवाहर लाल नेहरू मैडीकल कालेज चम्बा में एम.बी.बी.एस. की शिक्षा ग्रहण करने वाले 100 प्रशिक्षु चिकित्सकों में से 95 के नाम कालेज प्रबंधन द्वारा काट दिए गए हैं।
चम्बा: पं. जवाहर लाल नेहरू मैडीकल कालेज चम्बा में एम.बी.बी.एस. की शिक्षा ग्रहण करने वाले 100 प्रशिक्षु चिकित्सकों में से 95 के नाम कालेज प्रबंधन द्वारा काट दिए गए हैं। कालेज प्रबंधन ने यह कठोर कदम इसलिए उठाया है क्योंकि उसने प्रशिक्षु चिकित्सकों से मैस में खाना खाने के लिए प्रति प्रशिक्षु चिकित्सक 36,000 रुपए 6 माह की एडवांस फीस के रूप में जमा करवाने के लिए कहा था। इसके लिए बाकायदा कालेज प्रबंधन ने लिखित में आदेश जारी किए थे। निर्धारित समय तक 95 प्रशिक्षु चिकित्सकों ने इन आदेशों के अनुरूप एडवांस राशि जमा नहीं करवाई। इन आदेशों को नजरअंदाज करने वाले प्रशिक्षु चिकित्सकों के खिलाफ अब मैडीकल कालेज चम्बा प्रबंधन ने कड़ा कदम उठाते हुए तो साथ ही अनुशासन सिखाने के लिए उनका नाम कालेज से काट दिया है।
प्रतिदिन 110 रुपए जुर्माने का मीटर चालू
हालांकि कालेज प्रबंधन के इस कदम का इन प्रशिक्षु चिकित्सकों की शिक्षा पर कोई असर नहीं होगा लेकिन इतना जरूर है कि अब उन्हें प्रतिदिन 110 रुपए जुर्माने का मीटर चालू हो गया है। जब तक प्रशिक्षु चिकित्सक मैस का पैसा जमा नहीं करवाएंगे तब तक यह जुर्माने का मीटर चालू रहेगा और जब बच्चे मैस का एडवांस जमा करवाएंगे तो उन्हें यह जुर्माना राशि भी भरनी होगी। यही नहीं, अपना नाम फिर से दर्ज करवाने के लिए उन्हें 1,000 रुपए भी जुर्माना राशि के रूप में देने होंगे। कालेज प्रबंधन की मानें तो उसने यह कदम प्रोस्पैक्टस में मौजूद क्लॉज नम्बर 33 व 34 के तहत उठाया है।
नियमों को नजरअंदाज करने वाले पर होगी कार्रवाई
प्रबंधन का कहना है कि इन दोनों क्लॉज में यह साफ लिखा हुआ है कि कोई भी छात्र अपने ड्यूज नहीं देता है तो उसके खिलाफ उक्त कार्रवाई को अमलीजामा पहनाया जाएगा। ऐसे में चम्बा मैडीकल कालेज प्रबंधन की मानें तो प्रशिक्षु छात्र-छात्राओं को मैडीकल कालेज के निर्धारित नियमों को अमलीजामा पहनाना होगा। जो भी इन नियमों को नजरअंदाज करेगा उसके खिलाफ उचित कार्रवाई निश्चित तौर पर अमल में लाई जाएगी ताकि कालेज का अनुशासन बना रहे।
उच्च स्तर पर दे दी है जानकारी
मैडीकल कालेज के प्राचार्य डा. अनिल ओहरी ने बताया कि यह कुछ प्रशिक्षु चिकित्सकों ने मैस के एडवांस के पैसे जमा नहीं करवाए हैं जिसके चलते यह कदम उठाया गया है। इस कदम का प्रशिक्षु चिकित्सकों की शिक्षा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसके बारे में उच्च स्तर पर जानकारी दे दी गई है।