Edited By Simpy Khanna, Updated: 23 Nov, 2019 12:48 PM
विकास खंड नादौन के बल्डूहक के निकट चठियार गांव के स्वयं सहायता समूह ने अपने स्तर पर मोमबत्तियां बनाने का कार्य आरंभ कर अन्य महिलाओं के लिए भी एक मिसाल कायम की है। नादौन में मोमबत्तियों का स्टाल लगाकर महिलाओं ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि गत...
नादौन (संजीव) : विकास खंड नादौन के बल्डूहक के निकट चठियार गांव के स्वयं सहायता समूह ने अपने स्तर पर मोमबत्तियां बनाने का कार्य आरंभ कर अन्य महिलाओं के लिए भी एक मिसाल कायम की है। नादौन में मोमबत्तियों का स्टाल लगाकर महिलाओं ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि गत जुलाई माह में पीएनबी बैंक के माध्यम से उन्हें मोमबतती बनाने का प्रशिक्षण दिलाया गया था। उसके बाद उन्होंने सतगुर सवयं सहायता समूह की स्थापना की।
समूह की प्रधान सुषमा कुमारी ने बताया कि उनके समूह के साथ 18 सदस्य जुड़ीं जिन्होंने सबसे पहले पांच-पांच हजार रुपए बतौर सदस्य शुलक एकत्रित किया। इन्हीं पैसों से उन्होंने दिल्ली से मोमबत्ती बनाने की डाई व मोम खरीदा और धीरे-धीरे उन्होंने घर पर ही एक छोटा युनिट तैयार करके उत्पादन आरंभ कर दिया। जिससे अब उन्हें कमाई होने लगी है। उन्होंने बताया कि उनके पास विभिन्न आकृतियों की डाइयां उपलब्ध हैं। जिनसे बनाई जा रही मोमबत्तियां लोगों को काफी पसंद आ रही हैं।
उन्होंने बताया कि अभी दीवाली पर ही उन्होंने करीब दो क्विंटल मोम की मोमबत्तियां तैयार की थीं। उन्होंने बताया कि त्यौहारों के दिनों में तो उनका अच्छा कार्य निकल जाता है परंतु अन्य दिनों में उन्हें अपने उत्पाद बेचने में काफी परेशानी होती है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र भर में आयोजित होने वाले विभिन्न मेलों में भी वह अपने उत्पाद बेच रहे हैं। इन महिलाओं ने क्षेत्र की अन्य महिलाओं के लिए भी आर्थिक तौर पर मजबूत होने के लिए राह दिखाई है। सुषमा कुमारी ने सरकार व प्रशासन से मांग की है कि उन्हें यदि प्रोत्साहन मिले तो वह इस कार्य को और व्यापक स्तर पर कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि कुछ मूलभूत सुविधाओं की उन्हें अत्यंत आवश्यकता है।
समूह की एक सदस्य ने बताया कि प्रधान सुषमा कुमारी के नेतृत्व में उन्होंने यह कार्य सीखना आरंभ किया तथा वह अपनी अजीबिका कमाने में सफल रहीं इन सभी का कहना है कि इस कार्य के लिए सरकार की ओर से मदद मिले तो वह सभी अपने स्तर पर इस कार्य को अच्छी तरह कर सकती हैं।