AIIMS बिलासपुर व IIM सिरमौर में स्थापित होंगे इन्क्यूबेशन सैंटर, उद्योग विभाग ने साइन किए MoU

Edited By Vijay, Updated: 23 Jan, 2024 10:27 PM

mou sign in shimla

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि प्रदेश में स्टार्टअप को सभी प्रकार की सुविधाएं एवं सहयोग प्रदान करने के दृष्टिगत नए इन्क्यूबेशन सैंटर स्थापित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे प्रदेश में औद्योगिकीकरण के विस्तार के साथ-साथ रोजगार...

शिमला (संतोष): उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि प्रदेश में स्टार्टअप को सभी प्रकार की सुविधाएं एवं सहयोग प्रदान करने के दृष्टिगत नए इन्क्यूबेशन सैंटर स्थापित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे प्रदेश में औद्योगिकीकरण के विस्तार के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर भी सृजित हो सकेंगे। उद्योग मंत्री की उपस्थिति में उद्योग विभाग ने शिमला में भारतीय प्रबंधन संस्थान सिरमौर तथा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बिलासपुर के साथ इन संस्थानों में नए इन्क्यूबेशन सैंटर स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए। निदेशक उद्योग राकेश प्रजापति ने सरकार की ओर से एमओयू पर साइन किए। उन्होंने कहा कि राज्य में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से सरकार ने इन 2 अग्रणी संस्थानों के साथ यह समझौता ज्ञापन साइन किए हैं। इनके साथ ही अब प्रदेश में इन्क्यूबेशन केंद्रों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रबंधन संस्थान सिरमौर नए स्टार्टअप को रणनीति बनाने, नैटवर्किंग और बाजार तक पहुंच से संबंधित समझ विकसित करने के साथ ही अन्य उपयुक्त सहयोग प्रदान करेगा। एम्स बिलासपुर स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में स्टार्टअप को सहायता प्रदान करेगा।

हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि नए उद्यमी इन प्रमुख संस्थानों से अंतर्राष्ट्रीय स्तर की तकनीक एवं प्रौद्योगिकी में आए बदलाव के बारे में कई तरह के नवाचार एवं अन्य जानकारी प्राप्त कर इन्हें अपने उद्यमों में उपयोग में ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि रोजगार प्राप्त करने की बजाय युवा रोजगार प्रदाता बन सकें, इस उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री स्टार्टअप/नवाचार परियोजनाएं/नव उद्योग योजना शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य स्टार्टअप को व्यावसायिक सलाह और समग्र रूप से संचालन संबंधी सहायता उपलब्ध करवाते हुए इनकी उन्नति सुनिश्चित करना है ताकि रोजगार के अवसर भी सृजित किए जा सकें। 

हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि इन्क्यूबेशन सहयोग उद्यमियों को व्यापार में बढ़ावा देने तथा नए स्टार्टअप की सफलता में सहायक है। इन नवाचारों को प्रोत्साहन देने के दृष्टिगत राज्य सरकार विभिन्न संगठनों, औद्योगिक घरानों अथवा उद्योग सांझेदारों के साथ मिलकर इन्क्यूबेटर स्थापित कर रही है। इससे स्टार्टअप संचालकों को पूंजीगत व संचालन व्यय में भी सहयोग मिल सकेगा। इस पहल के तहत इन्क्यूबेशन सैंटर स्थापित करते हुए राज्य सरकार के सहयोग से स्टार्टअप को निधि जारी कर अनुदान आधार पर एक ऐसा तंत्र विकसित किया जाएगा, जिसमें उद्योगों की भागीदारी से इस तरह के कार्यक्रमों के संचालन में गति लाई जा सके। 

उद्योग विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि हाल ही में भारत सरकार द्वारा हिमाचल को श्रेणी-ख राज्यों की स्टार्टअप रैंकिंग में बैस्ट परफॉर्मर आंका गया है। इस अवसर पर संयुक्त निदेशक उद्योग रमेश वर्मा व दीपिका, भारतीय प्रबन्धन संस्थान सिरमौर के निदेशक प्रफुल्ला अग्निहोत्री, संस्थान के इन्क्यूबेशन केंद्र प्रमुख डाॅ. मोहिता शर्मा, निदेशक एम्स डाॅ. वीर सिंह नेगी व चिकित्सा उपाधीक्षक डाॅ. विक्रांत कंवर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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