Edited By Vijay, Updated: 19 Nov, 2023 10:47 PM

हिमाचल में चिट्टा व चरस से भी अधिक अवैध शराब के मामले सामने आए हैं। पूरे हिमाचल में जहां शिमला जिले में चिट्टे के मामले पकड़े हैं वहीं कांगड़ा, मंडी व चम्बा में सबसे अधिक अवैध शराब के मामले दर्ज हुए हैं। इसमें कांगड़ा जिला सबसे टॉप पर है।
शिमला (संतोष): हिमाचल में चिट्टा व चरस से भी अधिक अवैध शराब के मामले सामने आए हैं। पूरे हिमाचल में जहां शिमला जिले में चिट्टे के मामले पकड़े हैं वहीं कांगड़ा, मंडी व चम्बा में सबसे अधिक अवैध शराब के मामले दर्ज हुए हैं। इसमें कांगड़ा जिला सबसे टॉप पर है। इस वर्ष 10 माह में अक्तूबर तक आबकारी अधिनियम के 2652 मामले पंजीकृत किए गए हैं, जिसमें से सबसे अधिक कांगड़ा जिले में 398, मंडी जिले में 344 और चम्बा जिला में 341 मामले पंजीकृत किए गए हैं। बीबीएन में 104, बिलासपुर में 92, हमीरपुर में 75, किन्नौर में 122, कुल्लू में 274, लाहौल-स्पीति में 68, नूरपुर में 223, शिमला में 249, सिरमौर में 186, सोलन में 64 और ऊना में 121 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
चिट्टे, चरस व चूरा-पोस्त के 1891 मामले हुए हैं दर्ज
प्रदेश के 14 पुलिस जिलों में जनवरी से लेकर अक्तूबर माह में 1981 मामले चिट्टे, चरस व चूरा-पोस्त के दर्ज हुए हैं। इनमें सबसे अधिक 382 मामले जिला शिमला में दर्ज किए गए हैं। बीबीएन में 68, बिलासपुर में 180, चम्बा में 91, हमीरपुर में 75, कांगड़ा में 162, किन्नौर में 22, कुल्लू में 210, लाहौल-स्पीति में 6, मंडी में 207, नूरपुर में 116, सिरमौर में 119, सोलन में 95 और ऊना में 158 मामले दर्ज हुए हैं।
किसी भी सूरत में बख्शे नहीं जाएंगे नशाखोर : डीजीपी
हिमाचल प्रदेश पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने कहा कि समूचे राज्य में नशाखोरों के खिलाफ विशेष अभियान चलया हुआ है। चाहे चिट्टा, चरस हो या फिर अवैध शराब, नशा व नशाखोर किसी भी सूरत में बख्शे नहीं जाएंगे। पुलिस ढूंढ-ढूंढ कर नशाखोरों व ड्रग पैडलरों को धर-दबोच रही है और ड्रग पैडलरों की चेन सप्लाई को ध्वस्त किया गया है।
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