टेंट में कट रहा जीवन, सरकार से हैं घर जाने की आस

Edited By kirti, Updated: 30 Mar, 2020 11:28 AM

life is getting cut in the tent there is hope of going home from the government

कोरोना वायरस के चलते प्रदेश में बने कर्फ्यू के हालातों ने प्रवासी मजदूरों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी हैं। जहां एक ओर बद्दी-नालागढ़ में चम्बा व किन्नौर जैसे दूर दराज के इलाकों से आये मजदूर व फेक्ट्री कर्मचारी अपने घरों पहुंचने के लिए कई मिलों का पैदल ही...

बिलासपुर : कोरोना वायरस के चलते प्रदेश में बने कर्फ्यू के हालातों ने प्रवासी मजदूरों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी हैं। जहां एक ओर बद्दी-नालागढ़ में चम्बा व किन्नौर जैसे दूर दराज के इलाकों से आये मजदूर व फेक्ट्री कर्मचारी अपने घरों पहुंचने के लिए कई मिलों का पैदल ही सफर तय करने को मजबूर है तो दूसरी ओर जम्मू कश्मीर से आये प्रवासी मजदूर एक टेंट के नीचे गुजर बसर करने को लाचार है। कोरोना वायरस संक्रमण से विश्वभर में बने हालातों को देखते हुए जहां डब्लूएचओ द्वारा इसे महामारी घोषित किया गया है तो वहीं कोविड 19 को फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश को 21 दिनों तक लॉक डाउन करने की घोषणा करते हुए लोगों से अपने घरों में रहने की अपील भी की गई है।

वहीं लॉक डाउन के चलते जहां रेस्टोरेंट, होटल, फैक्टरियों सहित कई संस्थान बंद कर दिए गए है तो वहीं इसका सीधा असर प्रवासी मजदूरों पर पड़ रहा है। गौरतलब है कि बद्दी-नालागढ़ स्थित फैक्टरियों में काम करने वाले चम्बा व किन्नौर के मजदूरों को जहां कई मिलों का सफर पैदल ही तय करना पड़ रहा है तो वहीं जम्मू कश्मीर से आये मजदूरों भी कर्फ्यू के चलते एक ही टेंट के नीचे गुजर बसर करने को मजबूर है। जिला बिलासपुर क्षेत्र के अंतर्गत जामली, छड़ोल, कल्लर सहित कई ऐसे इलाके है जहां काफी संख्या में प्रवासी मजदूर जम्मू कश्मीर से आये है और कर्फ्यू के चलते कुछ दिनों से एक ही टेंट के नीचे रहने को मजबूर है।

मजदूरों की कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जहां पीएम मोदी सोशल डिस्टेंसिंग की बात कह रहे है मगर बीते कुछ दिनों से सभी मजदूर एक ही टेंट के नीचे रहने को मजबूर है। साथ ही प्रवासी मजदूरों का कहना है कि अभी उन्हें मजदूरी भी नहीं मिली है और खाने पीने के लिए उन्हें खुद ही समान खरीदना पड़ता है जो कि अब 10 से 20 रुपये महंगा हो गया है। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार सहित हिमाचल व जम्मू कश्मीर की सरकार से जल्द ही उन्हें उनके घर तक पहुंचाने की अपील की है। वहीं बिलासपुर उपायुक्त राजेश्वर गोयल का कहना है कि बिलासपुर जिले में 10,800 प्रवासी मजदूर रह रहे है जिनके लिए विभिन्न एनजीओ के माध्यम से निशुल्क भोजन उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही उन्होंने सड़क मार्ग से जाने वाले दूर दराज के मजदूरों को होटल व ढाबा बंद होने की स्थित में नजदीकी पैट्रोलपम्प में भी निशुल्क खाना उपलब्ध होने की बात कही। वहीं उपायुक्त बिलस्पूर ने सभी प्रवासी मजदूरों से फिलहाल जहां है वहीं रहने की अपील भी की है।
 

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