Edited By Punjab Kesari, Updated: 26 Aug, 2017 02:54 PM
हरतालिका तीज हर विवाहित और अविवाहित महिलाओं के लिए बहुत की खास होती है।
बिलासपुर (मुकेश गौतम): हरतालिका तीज हर विवाहित और अविवाहित महिलाओं के लिए बहुत की खास होती है। यह हिंदू धर्म का सबसे बड़ा व्रत त्योहार माना जाता है। इस व्रत को तीजा भी कहते हैं। इस दिन महिलाएं गौरी-शंकर की पूजा करती हैं। यह व्रत करवाचौथ से भी कठिन व्रत माना जाता है। महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला और निराहार रहकर ये व्रत करती हैं। इस व्रत को विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य पाने के लिए करती है। दरअसल करवाचौथ में चंद्रमा को देखने के बाद यह व्रत खोला जाता है, जबकि इसमें पूरे दिन निर्जल व्रत रखा जाता है। अगले दिन पूजन के बाद ही व्रत को खोला जाता है।
निर्जला व्रत रखती हैं महिलाएं
यह व्रत बिलासपुर में बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया है। इस व्रत में भगवान शिव-पार्वती के विवाह की कथा सुनी जाती है। एक बार यह व्रत रखने बाद जीवनभर रखना होता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और भगवान शिव, माता पार्वती की बालू या मिट्टी की मूर्ति बनाकर पूजन करती हैं। भारतीय महिलाओं के साथ नेपाली महिलाएं भी ये व्रत बड़ी धूमधाम से मनाती हैं और फिर सभी महिलाएं इकट्ठी होकर डांस करती हैं। मान्यता है कि प्राचीन काल में माता पार्वती ने शिव भगवान को पाने के लिए ये व्रत और कई प्रकार के फूल हरी पत्तियों से शिव भगवान की पूजा की थी। कहते है कि जो भी हरतालिका व्रत को विधि पूर्वक करता है, उसके सौभाग्य की रक्षा खुद भगवान शिव करते हैं।