Kangra: बारिश न होने से मुरझाए किसानों के चेहरे, सिंचाई योजनाएँ भी बिल्कुल पड़ीं ठप्प

Edited By Jyoti M, Updated: 30 Nov, 2024 11:04 AM

kangra due to lack of rain the faces of the farmers are gloomy

शाहपुर के तहत आते चंगर और पहाड़ी क्षेत्र की पंचायतों के किसान इस बार बारिश न होने से चिंतित हैं। बताते चलें कि चंगर क्षेत्र में अक्तूबर माह के अंत में और नवम्बर के पहले हफ्ते में गेहूं की बीजाई होती थी लेकिन इस बार बारिश न होने से किसानों के चेहरों...

लंज, (सुदर्शन): शाहपुर के तहत आते चंगर और पहाड़ी क्षेत्र की पंचायतों के किसान इस बार बारिश न होने से चिंतित हैं। बताते चलें कि चंगर क्षेत्र में अक्तूबर माह के अंत में और नवम्बर के पहले हफ्ते में गेहूं की बीजाई होती थी लेकिन इस बार बारिश न होने से किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें खिंचना मुनासिब हैं। 

उल्लेखनीय है कि क्षेत्र को करोड़ों की सिंचाई योजना मिलने के बावजूद लगभग डेढ़ हजार हैक्टेयर उपजाऊ भूमि का रकबा बिना सिंचाई से सूखे की मार झेल रहा है। किसानों ने बताया कि 20 वर्ष के लगभग सिंचाई के लिए पाइपें डाली गई थीं और कुछ समय के लिए सिंचाई शुरू भी हुई लेकिन फिर बंद हो गई।

2017 में दोबारा से प्लास्टिक की पाइपें जमीन में डाली गईं लेकिन आजतक सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पाया। वहीं लंज सिंचाई स्कीम 25 साल से तथा काहलिया मलाडू स्कीम 15 साल से बंद है। करीब 2 साल पहले लालपुर, भटेहड के लिए भी एक सिंचाई योजना तैयार की गई लेकिन इसे भी अभी तक किसानों को समर्पित नहीं किया गया। इसी तरह मनेई और भरुपलाहड़ पंचायतों के लिए स्कीम आई थी पर धरातल पर नहीं उतरी। इसके साथ किसानों को पशुओं के लिए चारे की चिंता भी अब सताने लग पड़ी है। 

किसान अच्चर सिंह ने बतााया कि  बिजाई लगभग हो चुकी है, लेकिन वर्षा न होने से सूखे की स्थिति बन चुकी है। यदि यही हाल रहा तो गेहूं ही नहीं अन्य फसलें भी प्रभावित हो सकती हैं। 

रघुवीर सिंह पांजला, किसान प्रधान लंज ने बताया कि वर्षा न होने से गेहूं की बिजाई नहीं कर पा रहे हैं। हमारा परिवार खेतीबाड़ी पर ही निर्भर है। अगर समय पर वर्षा न हुई तो काफी फसल प्रभावित होगी।

आमलिक सिंह, किसान ने बताया कि अधिकांश खेतीहर जमीन वर्षा पर निर्भर करती है। गेहूं की बिजाई के बाद अब मौसम की बेरुखी क्षेत्र के किसानों को सता रही है। यदि वर्षा नहीं हुई तो सूखे की स्थिति बन सकती है। कोहरे की मार से सब्जियां भी झुलसने की कगार पर है।

सजीवन सिंह, किसान ने बताया कि सरकार किसानों की फसल के लिए तरह-तरह की स्कीम का लाभ दे रही है परंतु धरातल पर किसानों को मिलने वाली सभी सुविधाएं से वंचित रहना पड़ रहा है यह प्रशासन को गहनता से देखना चाहिए।

अजय सोहल, एस. डी. ओ. जल शक्ति विभाग मनेई ने कहा कि किसानों के खेतों के लिए सिंचाई की 2 पुरानी स्कीम वजट का अभाव होने के कारण बंद पड़ी है लेकिन लालपुर गांव और भटेहड़ के लिए जो स्कीम है उसका 80 प्रतिशत कम हो चुका है मार्च तक किसानों को इस स्कीम को समर्पित किया जाएगा।

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