सीमैंट के दाम बढ़ने पर हरकत में आई जयराम सरकार, कंपनियों को 3 सप्ताह का अल्टीमेटम

Edited By Vijay, Updated: 12 Feb, 2020 11:05 PM

jairam government came in action mode increasing price of cement

सूबे में सीमैंट के लगातार दाम बढ़ाकर लोगों को महंगाई का झटका देने वाली कंपनियों पर अंकुश लगाने के लिए जयराम सरकार हरकत में आई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को बैजनाथ में कहा कि सूबे में जल्द ही सीमैंट के दाम कम होंगे। वह खुद सीमैंट कंपनियों...

धर्मशाला (ब्यूरो): सूबे में सीमैंट के लगातार दाम बढ़ाकर लोगों को महंगाई का झटका देने वाली कंपनियों पर अंकुश लगाने के लिए जयराम सरकार हरकत में आई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को बैजनाथ में कहा कि सूबे में जल्द ही सीमैंट के दाम कम होंगे। वह खुद सीमैंट कंपनियों के प्रबंधकों के साथ जल्द बैठक कर दाम कम करने को कहेंगे। उधर, चम्बा में जनमंच के दौरान उद्योग मंत्री विक्रम ठाकुर ने कहा कि सीमैंट कंपनियों को दाम घटाने के लिए 3 सप्ताह का समय दिया गया है। इस दौरान दाम कम न हुए तो सरकार सीमैंट कंपनियों पर एक्शन लेगी। उधर, विपक्षी कांग्रेस सीमैंट के बढ़े दामों पर लगातार सरकार को घेर रही है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर और नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि सरकार सीमैंट कंपनियों की मनमानी रोकने में विफल रही है। सरकार इनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई करे।

एक महीने में सीमैंट के प्रति बैग के दाम में बढ़ाए 20 रुपए

दरअसल प्रदेश में सीमैंट प्लांट चला रही तीनों प्रमुख कंपनियां एसीसी, अंबुजा और अल्ट्राटैक एक महीने में सीमैंट के प्रति बैग दाम में करीब 20 रुपए इजाफा कर चुकी हैं। तीनों कंपनियों ने जनवरी में 2 बार प्रति बैग 5-5 रुपए दाम बढ़ाने के बाद फरवरी में एकमुश्त 10 रुपए दाम बढ़ा दिए हैं। अलग-अलग जिलों में प्रति बैग सीमैंट 380 से लेकर 390 रुपए तक बिक रहा है। लगातार बढ़ते दामों से उपभोक्ताओं से लेकर डीलर तक ङ्क्षचतित हैं जबकि पड़ोसी राज्यों में प्रति बैग सीमैंट के दाम 320 से लेकर 350 रुपए हैं। जाहिर है कि सूबे में उपभोक्ताओं को 30 से 40 रुपए सीमैंट महंगा मिल रहा है। बीते साल भी कंपनियों ने दाम बढ़ाए थे, जिसके बाद सरकार के हस्तक्षेप पर दाम घटाए गए थे।

कंपनियां दे रहीं महंगे ट्रांसपोर्ट की दुहाई

सीमैंट कंपनियां दाम बढ़ाने के पीछे सूबे में महंगी ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट की दुहाई देती रही हैं। सूत्र बताते हैं कि सीमैंट कंपनियों ने सरकार के समक्ष जी.एस.टी. लागू होने के बाद भी गुड्स एंड सॢवस टैक्स की वसूली जारी रहने का मसला भी उठाया है। सीमैंट कंपनियों का साफ कहना है कि उन्हें दोहरा टैक्स देना पड़ रहा है जिसे सरकार कम करे। ए.सी.सी. कंपनी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सीमैंट के दाम रॉ मैटीरियल व ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट पर निर्भर करते हैं। दाम घटते-बढ़ते रहते हैं।

विपक्ष सरकार पर हमलावर

नेता विपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि रसोई गैस के बाद सूबे में सीमैंट भी महंगा हो गया है। कंपनियां सूबे में ही सीमैंट बनाकर यहां महंगा बेच रही हैं परंतु जयराम सरकार कंपनियों की मनमानी रोकने में नाकाम रही है।

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