Edited By kirti, Updated: 21 Jun, 2018 02:07 PM
भरमौर उपमंडल के दायरे में आने वाली बजोली-होली जलविद्युत परियोजना के निर्माण कार्य में जुटी कंपनी ने श्रम कानूनों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया है। इस वजह से इस परियोजना के निर्माण कार्य में जुटे मजदूरों को उनके हक पाने की सुविधा से वंचित रहना पड़ रहा...
चम्बा: भरमौर उपमंडल के दायरे में आने वाली बजोली-होली जलविद्युत परियोजना के निर्माण कार्य में जुटी कंपनी ने श्रम कानूनों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया है। इस वजह से इस परियोजना के निर्माण कार्य में जुटे मजदूरों को उनके हक पाने की सुविधा से वंचित रहना पड़ रहा है। ऐसे में जिला प्रशासन मजदूरों को उनका हक दिलाने के लिए कंपनी के खिलाफ शीघ्र प्रभावी कदम उठाए। बुधवार को बजोली-होली प्रोजैक्ट वर्कर्ज यूनियन इंटक ने डी.सी. चम्बा को अपना मांग पत्र सौंपते हुए यह बात कही।
संगठन मांगों को लेकर हड़ताल का मोर्चा खोला
यूनियन के जिला अध्यक्ष हितेश पठानिया, इकाई अध्यक्ष रामदत्त, दलीप शर्मा, करनैल, सुदर्शन, पवन, विक्रम व राजमल ने ए.डी.सी. चम्बा से मुलाकात कर अपनी मांगों के संदर्भ में एक मांग पत्र सौंपा। इस बारे जानकारी देते हुए जिलाध्यक्ष हितेंद्र पठानिया ने बताया कि संगठन ने परियोजना संबंधित समस्याओं को लेकर परियोजना प्रबंधक को अवगत करवाया था लेकिन कंपनी प्रबंधन इस पर गौर नहीं कर रहा है। उन्होंने बताया कि 2 माह पूर्व ही संगठन ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल का मोर्चा खोला था, जिस पर 3 अप्रैल को एस.डी.एम. भरमौर, श्रम अधिकारी व जिलाध्यक्ष इंटक की मौजूदगी में संगठन का प्रबंधन वर्ग के साथ समझौता हुआ था।
कंपनी आर्थिक लाभ को अधिक महत्व दे रही
इस समझौते के होने के चलते बंद पड़ा परियोजना निर्माण कार्य फिर से शुरू हो गया लेकिन अफसोस की बात है कि जो मांगें कंपनी के समक्ष रखी गई थीं, उन्हें कंपनी ने अभी तक पूरा नहीं किया है। 2 महीने गुजरने के बाद भी कंपनी द्वारा मांगों के प्रति गंभीरता नहीं दिखाने से यह साफ होता है कि कंपनी अपने कर्मचारियों की बजाय अपने आर्थिक लाभ को अधिक महत्व दे रही है। यही वजह है कि बजोली-होली प्रोजैक्ट वर्कर्ज यूनियन इंटक को प्रशासन के पास न्याय पाने के लिए गुहार लगानी पड़ रही है। पठानिया ने कहा कि जिला प्रशासन इस मामले पर गंभीरता दिखाए।