बंजार बस हादसे की जांच रिपोर्ट तैयार, इन 3 मुख्य कारणों से गई 46 लोगों की जान

Edited By Vijay, Updated: 29 Jun, 2019 06:18 PM

inquiry report of bus accident

बंजार के बयोट मोड़ पर हुए बस हादसे में 46 लोगों की मौत हुई है। अन्य घायलों का अभी उपचार चल रहा है। इस दर्दनाक बस हादसे के पीछे 3 मुख्य कारण सामने आए हैं। पता चला है कि जांच रिपोर्ट में सड़क पर क्रैश बैरियर न होना और ओवरलोडिंग इसका मुख्य कारण रहा।

कुल्लू: बंजार के बयोट मोड़ पर हुए बस हादसे में 46 लोगों की मौत हुई है। अन्य घायलों का अभी उपचार चल रहा है। इस दर्दनाक बस हादसे के पीछे 3 मुख्य कारण सामने आए हैं। पता चला है कि जांच रिपोर्ट में सड़क पर क्रैश बैरियर न होना और ओवरलोडिंग इसका मुख्य कारण रहा। इस बात का भी जिक्र है कि जब बस रास्ते में 2 जगह खराब हुई तो इसमें तकनीकी खराबी घोषित कर इसे वहीं पर पार्क क्यों नहीं किया गया, क्यों बस को गाड़ागुशैणी की ओर दौड़ाया जाता रहा। तकनीकी जांच में यह भी पता चला है कि बस के इंजन में डीजल की सप्लाई में दिक्कत आ रही थी।

क्रैश बैरियर होता तो टल सकता था हादसा

जिस जगह से बस गिरी उस जगह हालांकि सड़क काफी चौड़ी है और वह जगह ब्लैक स्पॉट भी नहीं है। वहां पर सड़क किनारे क्रैश बैरियर होता तो हादसा टल सकता था। क्रैश बैरियर से टकराकर बस का रुख मुड़ सकता था और बस पहाड़ी की ओर जाकर सड़क पर ही पलट जाती। इससे हादसे में मारे जाने वाले लोगों का आंकड़ा इतना ऊपर न जाता।

81 नहीं 87 यात्री थे बस में सवार

अब तक माना जा रहा था कि बस में हादसे के दौरान 81 लोग सवार थे जबकि रिपोर्ट में जिक्र है कि बस में 87 लोग बैठे हुए थे। इस दर्दनाक हादसे को लेकर 26 लोगों के बयान भी दर्ज किए गए हैं। इनमें 16 लोग ऐसे हैं जो इस हादसे में घायल हुए हैं। हादसे के दौरान बस के दरवाजे के पास खड़े मंडी के तल्याहड़ के सुरेंद्र के भी बयान लिए गए हैं। सुरेंद्र जब बस का दरवाजा खुलते ही सड़क पर गिरा था तो उसने अपने साथ एक महिला सुषमा को भी बाहर की ओर खींच लिया था। इनके बयान दर्ज किए गए हैं।

बैक होकर खाई में लुढ़की थी बस

कुछ ऐसे लोगों के भी बयान लिए गए हैं जो इस हादसे के दौरान आसपास के दायरे में ही थे। इन लोगों ने हादसा होते हुए देखा। बस पीछे की ओर जाते समय पिछले हिस्से के बल नीचे लुढ़की और उसके बाद पलट गई। इस दौरान बस की पूरी छत छिटक गई और उसमें सवार यात्री भी पहाड़ी में गिर गए। कइयों की छत के नीचे आने से मौत हो गई, उसके बाद बस लुढ़कती गई और जीभी खड्ड में जा गिरी। यह रिपोर्ट अब शिमला भेजी जाएगी।

2009 मॉडल की थी बस, पूरे थे दस्तावेज

यह बस 2009 मॉडल की थी और इसके तमाम दस्तावेज पूरे हैं। इसकी फिटनैस, इंश्योरैंस व अन्य सभी दस्तावेजों में कहीं कोई कमी न थी। इसमें तकनीकी खराबी, ओवरलोङ्क्षडग और क्रैश बैरियर का न होना ही हादसे का कारण रहा। हालांकि इसकी फिटनैस व अन्य दस्तावेजों पर सवाल उठ रहे हैं लेकिन कागजाती तौर पर यह मजबूती बस ऑप्रेटर के पक्ष में हो सकती है।

क्या बोले ए.डी.एम. कुल्लू

ए.डी.एम. कुल्लू अक्षय सूद ने बताया कि मैंने रिपोर्ट डी.सी. कुल्लू को सौंप दी है। इस रिपोर्ट के संदर्भ में मैं कुछ नहीं कह सकता क्योंकि यह सारा कार्य कॉन्फिडैंशियल होता है।

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