Edited By Ekta, Updated: 09 Sep, 2019 10:54 AM
भारत अगले 10 वर्षों में चांद पर बेस बनाने में सक्षम होगा। यह दावा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के पूर्व वैज्ञानिक ए शिवाथानु पिल्लई ने किया है। उन्होंने कहा कि चांद पर हीलियम-3 के विशाल भंडार को देखते हुए भारत ऐसा कर सकता है। हीलियम-3 एक...
नई दिल्ली: भारत अगले 10 वर्षों में चांद पर बेस बनाने में सक्षम होगा। यह दावा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के पूर्व वैज्ञानिक ए शिवाथानु पिल्लई ने किया है। उन्होंने कहा कि चांद पर हीलियम-3 के विशाल भंडार को देखते हुए भारत ऐसा कर सकता है। हीलियम-3 एक गैर रेडियोसक्रिय पदार्थ है जो यूरेनियम की तुलना में 100 गुना अधिक ऊर्जा पैदा कर सकता है।
भारत बहुमूल्य कच्चे माल (हीलियम-3 के) के प्रचुर भंडार का प्रोसेस करने के लिए चंद्रमा पर एक फैक्टरी स्थापित करने और उससे प्राप्त किए गए हीलियम-3 को पृथ्वी पर लाने में सक्षम हो जाएगा। उन्होंने कहा है की भारत चांद पर अपने ठिकाने का भविष्यम में होने वाली लॉन्चिंग का इस्तेमाल कर सकता है।