आजादी के बाद भी गुलामों की जिंदगी जी रहे कल्हेल पंचायत निवासी(watch pics)

Edited By kirti, Updated: 05 Nov, 2018 03:52 PM

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हमारे देश को अंग्रेजों की गुलामी से आज़ाद हुए करीब 70 साल हो चुके हैं। लेकिन आज क्या हम सच में आज़ाद हैं, ये सवाल इसलिए की आज भी चम्बा जि़ला के सैंकड़ों गांव ऐसे हैं। जहां सड़क सुविधा नहीं हैं। प्रदेश सरकार गांव-देहात में बेहतर सड़क सुविधा को लेकर...

चंबा(मोहम्मद आशिक): हमारे देश को अंग्रेजों की गुलामी से आज़ाद हुए करीब 70 साल हो चुके हैं। लेकिन आज क्या हम सच में आज़ाद हैं, ये सवाल इसलिए की आज भी चम्बा जि़ला के सैंकड़ों गांव ऐसे हैं। जहां सड़क सुविधा नहीं हैं। प्रदेश सरकार गांव-देहात में बेहतर सड़क सुविधा को लेकर बेशक अपनी पीठ थपथपाती हो लेकिन जमीनी हकीकत कोसों दूर हैं। चंबा के कल्हेल पंचायत के 3 दर्जन से अधिक गांव में अभी तक सड़क सुविधा नसीब नहीं हुई है। लोगों को आज भी 10 से 12 किलोमीटर पैदल सफर करके अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ता हैं। सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को होती है, जो स्कूल के लिए सुबह 7 बजे चलते हैं और 10 बजे स्कूल पहुंच पाते हैं। यही नहीं इससे भी खस्ता हाल उन बीमार और गर्भवती महिलाओं की हैं, जिन्हें सड़क तक पहुंचाने में पालकी का सहारा लेना पड़ता है। इन 70 सालों में सिर्फ सालवीं से पधरोलु तक सड़क मार्ग का कार्य एक साल पहले शुरू हुआ और उसमें भी सिर्फ एक किलोमीटर सड़क ही बन पाई।
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जिसका लोगों को कोई लाभ नहीं है, क्योंकि जो गांव के लोग हैं वहां से दस से बारह किलोमीटर दूर पहाड़ी क्षेत्रों में बसते हैं। ऐसे में आम जनता सहित स्कूली बच्चों और काम करने वाले लोगों को पैदल रास्ता तय करना पड़ता हैं। लोगों का कहना है कि चुनावों के नजदीक दोनों राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवार हाथ पर ही खुदा-भगवान को दिखा देते हैं और बड़े-बड़े वादे करते हुए कहते हैं कि आप हमें वोट दीजिए हम आपको सड़क सुविधा देंगे। लेकिन चुनाव होने के वाद ये राजनेता जनता से ऐसे मुंह छुपाते हैं मानो जनता को जानते तक नहीं। 4 हजार के करीब आबादी वाली इस पंचायत के लोग अब जयराम सरकार से उम्मीद कर रहे हैं कि इनके इलाके में जल्द से जल्द सड़क सुविधा मुहैया करवाई जाए। ताकि यह लोग भी आजादी के मायने समझ सकें।
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दूसरी ओर इस बारे एसडीएम तीसा हेम चन्द वर्मा का कहना है कि चुराह उपमण्डल काफी दुर्गम क्षेत्र है। सरकार भी चाहती है कि हर पंचायत सड़क सुविधा से जुड़े लेकिन कुछ जगह वन विभाग का क्षेत्र आता है जबकि कुछ जगह लोग अपनी जमीन देने को तैयार नहीं होते। जिस कारण इन गांवों तक सड़क पहुंचाने में काफी दिक्कतें आती हैं। बता दें कि सड़क किसी भी क्षेत्र की भाग्य रेखा मानी जाती है और क्योंकि क्षेत्र का जो भी विकास होना है वो सड़क के जरिए ही होना है। अगर सड़क नहीं है तो समझों विकास नहीं है। ऐसे में सड़क सुविधा नहीं होने से यह पंचायत काफी पिछड़ कर रह गई है और पिछले 70 सालों से सड़क सुविधा को तरस रही है। अब देखना हो गया कि आखिर कब तक इन गांव वालों की फरियाद सरकार के कानों तक पहुंचती है।
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