NGT की रिपोर्ट में खुलासा, चंडीगढ़-बद्दी रेलवे परियोजना में हो रहा अवैध खनन से निकाली मिट्टी का प्रयोग

Edited By Vijay, Updated: 25 Aug, 2024 12:46 PM

illegally mined soil is being used in chandigarh baddi railway project

चंडीगढ़-बद्दी रेलवे परियोजना में अवैध खनन से निकाली मिट्टी और अन्य सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। यह जानकारी राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण द्वारा गठित एक संयुक्त समिति की रिपोर्ट में सामने आई है....

बद्दी: चंडीगढ़-बद्दी रेलवे परियोजना में अवैध खनन से निकाली मिट्टी और अन्य सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। यह जानकारी राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण द्वारा गठित एक संयुक्त समिति की रिपोर्ट में सामने आई है, जोकि बद्दी औद्योगिक क्षेत्र में रेलवे लाइन के निर्माण की जांच कर रही थी। एनजीटी ने 16 अगस्त के आदेश में इस मामले में 41 व्यक्तियों के साथ-साथ 2 रेलवे अधिकारियों को भी शामिल किया है।

एनजीटी के अनुसार संबंधित रेलवे अधिकारियों द्वारा जांच के दौरान खनिजों के स्रोत की जानकारी समिति को नहीं दी गई, जिस पर समिति ने 41 व्यक्तियों के खिलाफ नोटिस जारी किए हैं और 1.1 करोड़ रुपए के पर्यावरण मुआवजे का प्रस्ताव रखा है। बद्दी-चंडीगढ़ रेलवे परियोजना के लिए जिम्मेदार डिविजनल रेलवे मैनेजर और डिविजनल इंजीनियर को भी इस मामले में उत्तरदाता के रूप में शामिल किया गया है।

19 अप्रैल को गठित समिति ने जांच के दौरान पाया कि बद्दी के शीतलपुर-दसोमाजरा के बीच लगभग 21,600 मीट्रिक टन मिट्टी और मलबा अवैध रूप से निकाला गया है। हालांकि यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि इस क्षेत्र से निकाली गई सामग्री का उपयोग परियोजना में किया गया। चूंकि परियोजना शीतलपुर-दसोमाजरा से सुलभ है, इसलिए यह संभावना है कि इस क्षेत्र से सामग्री का उपयोग किया गया हो।

भारतीय रेलवे और ठेकेदार को उस मलबे के कानूनी स्रोत के संबंध में सहायक दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है, जो उन्होंने खरीदी थी। बार-बार अनुरोध करने के बावजूद उत्तर रेलवे का निर्माण विंग समिति को सामग्री के स्रोत की पुष्टि करने वाले दस्तावेज प्रस्तुत करने में असफल रहा। 

समिति को उत्तर रेलवे द्वारा सामग्री आपूर्तिकर्ता से प्राप्त 11 बिलों की प्रतियां प्रदान की गईं, लेकिन सोलन के खनन विभाग के अधिकारियों के अनुसार किसी भी सामग्री आपूर्तिकर्ता को खनन अनुमति नहीं दी गई थी। इससे इस महत्वपूर्ण परियोजना में उपयोग की गई सामग्री के स्रोत पर और संदेह बढ़ गया है।

एनजीटी ने इससे पहले एक शिकायत पर संज्ञान लिया था, जिसमें कुछ स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया था कि बद्दी में शीतलपुर रोड पर मिट्टी का अवैध खनन चल रहा है, जहां 6 मशीनें दिन-रात खुदाई में लगी हुई हैं और कई टिप्पर नियमित रूप से मिट्टी उठाकर रेलवे अधिकारियों को बेच रहे हैं।
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