Edited By Vijay, Updated: 19 Oct, 2024 12:36 PM
आईजीएमसी शिमला में मरीजों के साथ होने वाले अभद्र व्यवहार और टैस्ट की एवज में पैसों को लेने की घटनाएं गाहे-बगाहे उठती रही हैं। ऐसा ही एक मामला एक महिला रोगी के साथ भी पेश आया है...
शिमला (संतोष): आईजीएमसी शिमला में मरीजों के साथ होने वाले अभद्र व्यवहार और टैस्ट की एवज में पैसों को लेने की घटनाएं गाहे-बगाहे उठती रही हैं। ऐसा ही एक मामला एक महिला रोगी के साथ भी पेश आया है, जिसके पास बाकायदा हिमकेयर कार्ड होने के बावजूद भी प्लेन एमआरआई करवाने की एवज में 2750 रुपए ले लिए गए हैं।
इस महिला रोगी का हिमकेयर का फार्म भी भरा गया, लेकिन जब वह एमआरआई करवाने पहुंची तो उसे यह तर्क दिया गया कि साॅफ्टवेयर अपडेट होने के कारण सिस्टम उसका कार्ड नहीं ले रहा है और यदि उसे एमआरआई करवाना है तो उसे इसकी एवज में पैसे चुकाने होंगे। यह महिला ठियोग उपमंडल के मतियाना से शिमला में एमआरआई करवाने के लिए आई थी, लेकिन यहां उसे पैसे चुकाने पड़े।
बताया जाता है कि आयुष्मान कार्ड तभी चलता है, जब मरीज उपचाराधीन होता है, लेकिन हिमकेयर कार्ड पर 5 लाख रुपए तक का उपचार नि:शुल्क दिया जाता है। लोग हिमकेयर कार्ड भी इसीलिए बनवाते हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर वह उपचार का लाभ उठा सकें, लेकिन आईजीएमसी शिमला में हिमकेयर कार्ड होने और पर्ची काटने के बावजूद भी इस महिला से पैसे लिए गए हैं।
इस बारे में अस्पताल के अधिकारियों ने कन्नी काट ली है और महिला को उनके पास आने को कहा है, ताकि कहां पर चूक हुई है, इसके बारे में वह पता कर सकें, लेकिन अस्पताल प्रशासन द्वारा महिला रोगी से हिमकेयर कार्ड होने के बावजूद भी पैसे लेना अपने आप में कई सवाल खड़े करता है।
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