पति की यादों की मारी, जंगली जानवरों पर भारी

Edited By Updated: 24 Apr, 2017 01:46 AM

husband  s memories  heavy on wild animals

बंजार विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाली तीर्थन घाटी में एक महिला सिर्फ  इसलिए रहने को मजबूर है कि वहां पर उसके पति की यादें जिंदा हैं।

कुल्लू: बंजार विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाली तीर्थन घाटी में एक महिला सिर्फ  इसलिए रहने को मजबूर है कि वहां पर उसके पति की यादें जिंदा हैं। महिला दर्शनू देवी जीवन के 80 बसंत देख चुकी है, ऐसे में कई महिलाएं जहां चलने में असमर्थ होती हैं, वहीं यह बुजुर्ग महिला अकेली रह रही है। यह साधारण क्षेत्र नहीं बल्कि खूंखार जंगली जानवरों वाला क्षेत्र है जहां यह महिला बाकी की जिंदगी काट रही है। महिला बताती है कि उसके पास जिंदगी के बाकी वर्षों को काटने के लिए अपने पति की यादें हैं। उसे जंगली जानवरों से भी कोई भय नहीं लगता। 

ग्रेट हिमालयन नैशनल पार्क के अंदर जमीन और घर 
अंतर्राष्ट्रीय धरोहर बन चुके ग्रेट हिमालयन नैशनल पार्क के अंदर इस महिला की जमीन और घर पड़ते हैं। हालांकि अन्य परिवार यहां से घर और जमीन छोड़कर चले गए हैं लेकिन महिला इसके लिए तैयार नहीं है। उसका कहना है कि जिस घर में उसके पति ने अंतिम सांस ली है, वहां पर उसकी यादें जिंदा है। महिला कहती है कि उसने अपनी जिंदगी के सुखद क्षण इसी आशियाने में गुजारे हैं तो भला वह इसे कैसे छोड़ सकती है। 

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वर्ष 2012 में हो चुकी है पति की मौत
वर्ष 1992 में दर्शनू देवी और उसके पति चंदे राम ने सपनों के आशियाने को बनाया है। वर्ष 2012 में महिला के पति की फेफड़ों केकैंसर से मौत हो चुकी है, उसके बाद से ही दर्शनू के 3 बेटे, उनकी पत्नियां और 9 पोते-पोतियां भी नैशनल पार्क के बाहर जाकर गांव में बस गए हैं लेकिन महिला इस घर को छोडऩे के लिए तैयार नहीं है। महिला का कच्चा मकान है और भारी बर्फबारी के कारण देर-सवेर ढह भी सकता है। दर्शनू की मांग है कि सरकार उसके घर को पक्का बनाने में सहयोग करे।  

आंगन में घूमते हैं जंगली जानवर 
23 जून, 2014 को यूनेस्को ने ग्रेट हिमालयन नैशनल पार्क को अंतर्राष्ट्रीय धरोहर का दर्जा दिया था। ग्रेट हिमालयन नैशनल पार्क का कोर एरिया 250 वर्ग कि.मी. में फैला है। इस पार्क में तेंदुए और भालू जैसे खतरनाक जानवर हैं परन्तु बुजुर्ग महिला का कहना है कि कई बार जानवर घूमते-घूमते उसके घर तक आ जाते हैं । दर्शनू देवी का कहना है वह जीते जी इस जगह को नहीं छोड़ेगी।

पार्क से बाहर सरकारी जमीन देने को तैयार हैं अधिकारी 
ग्रेट हिमालयन नैशनल पार्क के डी.एफ.ओ. डा. कृपा शंकर ने कहा कि ग्रेट हिमालयन नैशनल पार्क में एक बुजुर्ग महिला की जगह है और वहां पर वह रह रही है। विभाग की तरफ  से उसे जंगल के बाहर जमीन देने की बात भी की गई थी परन्तु महिला उसके लिए तैयार नहीं है फिर भी प्रक्रिया चल रही है और महिला की जमीन के बदले उसे ग्रेट हिमालयन नैशनल पार्क के बाहर गुशैणी के पास सरकारी जगह का प्रबंध किया जा रहा है। 

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