Edited By Vijay, Updated: 31 Jul, 2019 03:59 PM
औद्योगिक क्षेत्र बरोटीवाला के झाड़माजरी स्थित एप्टार उद्योग के प्रबंधकों व कामगारों में चल रहा विवाद अब भूख हड़ताल तक पहुंच गया है। उद्योग प्रबंधकों व श्रम विभाग की ओर से पांचवें दिन भी कोई फैसला न आने के कारण अब कामगार भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले...
नालागढ़: औद्योगिक क्षेत्र बरोटीवाला के झाड़माजरी स्थित एप्टार उद्योग के प्रबंधकों व कामगारों में चल रहा विवाद अब भूख हड़ताल तक पहुंच गया है। उद्योग प्रबंधकों व श्रम विभाग की ओर से पांचवें दिन भी कोई फैसला न आने के कारण अब कामगार भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। भूख हड़़ताल पर बैठने वाले कामगारों में रीता देवी, मोनिका देवी, मंजुलत्ता, बलविंद्र, राकेश, हनिफ खान व अन्य कर्मचारियों ने कहा कि भूख हड़ताल के बाद भी अगर श्रम विभाग कोई कार्यवाही नहीं करता है तो भूूख हड़ताल अमरण अनशन मेें बदल दी जाएगी।
उद्योग मंत्री के कहने के बावजूद भी नहीं ली सुध
उन्होंने कहा कि उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर के गत दिनों हुए बी.बी.एन. दौरे के दौरान सभी कामगार उनसे मिले थे और उन्हें अपनी समस्या से अवगत करवाया था, जिस पर उन्होंने श्रम अधिकारियों को जल्द फैसला करवाने के निर्देश दिए थे लेकिन लेबर ऑफिसर के पास अपने ए.सी. वाले कमरे से बाहर निकलने का समय ही नहीं है।
26 जुलाई को गेट से बाहर कर दिए कामगार
कामगारों का कहना है कि वे पिछले कई वर्षों से एप्टार उद्योग में काम कर रहे हैं लेकिन 26 जुलाई को उद्योग प्रबंधकों ने कामगारों के लिए अचानक गेट बंद कर दिया और सभी कामगारों को गेट के बाहर कर दिया। उपरोक्त कामगारों ने कहा कि उद्योग प्रबंधक 5 दिन के बाद भी कोई फैसला नहीं कर रहा है, जिसके चलते कामगार मंगलवार से उद्योग के गेट के बाहर टैंट लगाकर भूख हड़ताल पर बैठने के लिए मजबूर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि भूख हड़ताल के बाद भी कंपनी प्रबंधक नहीं मानता है तो सभी कामगार आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे, जिसकी जिम्मेदारी उद्योग के प्रबंधकों की होगी।
भामसं लड़ेगा कामगारों के हक की लड़ाई
उधर, भामसं के राजू भारद्वाज ने कहा कि कामगारों का शोषण कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय मजदूर संघ कामगारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। अगर प्रबंधक वर्ग अपने अडिय़ल रवैया से बाहर न आया और कामगारों को वापस उद्योग में नहीं लिया गया तो भामसं कामगारों के साथ श्रम विभाग व उद्योग प्रबंधकों के खिलाफ सड़कों पर उतरेगा और धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।