Edited By Vijay, Updated: 06 Jun, 2020 11:00 PM

घाटे में चल रहा एचआरटीसी लोगों को बस सेवाएं तो देगा लेकिन अब निगम की बसें कम से कम 10 टिकट की बुकिंग होने के बाद ही संबंधित स्टेशन से चलेंगी। बता दें कि पहली जून से प्रदेश में एचआरटीसी की बसें शुरू हो गई थीं लेकिन कम सवारी और अधिक घाटे को एचआरटीसी...
शिमला (ब्यूरो): घाटे में चल रहा एचआरटीसी लोगों को बस सेवाएं तो देगा लेकिन अब निगम की बसें कम से कम 10 टिकट की बुकिंग होने के बाद ही संबंधित स्टेशन से चलेंगी। बता दें कि पहली जून से प्रदेश में एचआरटीसी की बसें शुरू हो गई थीं लेकिन कम सवारी और अधिक घाटे को एचआरटीसी झेलने को तैयार नहीं है। एचआरटीसी को पहले ही हर महीने 75 करोड़ रुपए का घाटा हो रहा है, ऐसे में अब शिमला से अन्य जिलों के लिए तय रूट पर वही बसें चलेंगी, जिसके लिए कम से कम 10 टिकट की बुकिंग हो चुकी हो। ऐसी स्थिति में लोगों को भी दिक्कतें आ रही हैं। कारण यह है कि यदि 5 लोगों ने शिमला से दूसरे जिले के लिए सफर करना है तो उस काऊंटर पर 10 टिकट की बुकिंग नहीं हुई हो तो बस नहीं चलेगी।
2 या 3 सवारियां ही कर रहीं बसों में सफर
भले ही पहली जून से राज्य सरकार ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट शुरू करने का फैसला किया हो लेकिन दो या तीन सवारियों के लिए घाटे का सौदा एचआरटीसी नहीं झेल सकता। शनिवार को राजधानी शिमला के आईएसबीटी से रोहड़ू समेत मंढ़ोल के लिए चलने वाली बसें हालांकि रूट पर जाने के लिए तैयार हुईं लेकिन सवारियों कम होने के कारण संबंधित स्टेशन पर बसें नहीं गईं। दूसरी ओर शिमला-सतड़ोल रूट पर भी इसी तरह समस्या देखने में आई।
डीजल पर 23 रुपए प्रति किलोमीटर का खर्चा
एचआरटीसी को मात्र डीजल पर 23 रुपए प्रति किलोमीटर का खर्चा आ रहा है। पहाड़ी स्थानों की ओर जाने वाली बसों का एवरेज 3 किलोमीटर प्रति लीटर डीजल आ रही है जबकि मैदानों में 4 से 5 किलोमीटर प्रति लीटर की एवरेज आ रही है। यानी एचआरटीसी को एवरेज प्रति किलोमीटर 22 से 23 रुपए का खर्चा आ रहा है। वर्तमान में डीजल की कीमत 63 रुपए प्रति लीटर है।
सीएम हैल्पलाइन पर लगा शिकायतों अंबार
वहीं प्रदेश में परिवहन सेवाएं शुरू होने के बाद भी लोगों को बस सेवाएं न मिलने पर सीएम हैल्पलाइन पर शिकायतों का अंबार लग गया है। शिमला शहर, ग्रामीण व लम्बे रूटों पर बसें न आने पर लोग शिकायत कर रहे हैं लेकिन वहीं दूसरी ओर निगम भी बस घाटे को लेकर उलझा हुआ है।