Edited By Vijay, Updated: 29 Apr, 2020 10:37 PM
केंद्र सरकार की तरफ से अप्रैल, 2020 यानि अब तक राज्य सरकार को 1,899 करोड़ रुपए की वित्तीय मदद उपलब्ध हुई है। इसमें केंद्रीय करों में प्रदेश की हिस्सेदारी भी शामिल है। इस तरह प्रदेश को राजस्व घाटा प्रतिपूर्ति, जीएसटी घाटा प्रतिपूर्ति, केंद्रीय करों...
शिमला (ब्यूरो): केंद्र सरकार की तरफ से अप्रैल, 2020 यानि अब तक राज्य सरकार को 1,899 करोड़ रुपए की वित्तीय मदद उपलब्ध हुई है। इसमें केंद्रीय करों में प्रदेश की हिस्सेदारी भी शामिल है। इस तरह प्रदेश को राजस्व घाटा प्रतिपूर्ति, जीएसटी घाटा प्रतिपूर्ति, केंद्रीय करों में हिस्सा, मनरेगा राशि, एनएचएम कार्यक्रम, आपदा राहत राशि एवं ईएपी के तहत मिलने वाली राशि उपलब्ध हो चुकी है, साथ ही कोविड-19 की महामारी के मद्देनजर केंद्र की तरफ से राज्य की वेज एंड मीन्स की सीमा को 60 फीसदी बढ़ाया गया है।
लॉकडाऊन से 500 करोड़ रुपए का नुक्सान होने की संभावना
उल्लेखनीय है कि लॉकडाऊन के चलते प्रदेश को अब तक सरकार को करीब 500 करोड़ रुपए का नुक्सान होने की संभावना है। इस अवधि के दौरान प्रदेश के खाते में करीब 50 करोड़ रुपए ही राजस्व एकत्र होने की उम्मीद है, ऐसे में केंद्र की तरफ से मिली वित्तीय मदद प्रदेश को कोरोना संकट से बाहर निकलने में मददगार साबित होगी।
नुक्सान को लेकर रिपोर्ट तलब
राज्य सरकार ने लॉकडाऊन और कफ्र्यू की अवधि में अब तक हुए नुक्सान को लेकर संबंधित जिलों से रिपोर्ट तलब की है, ऐसे में फील्ड से रिपोर्ट आने के बाद ही नुक्सान की सही तस्वीर सामने आ सकेगी। प्रदेश की आर्थिकी के मुख्य आधार पर्यटन, उद्योग, कृषि एवं बागवानी को काफी नुक्सान पहुंचा है। इससे जहां पर्यटन कारोबार पूरी तरह प्रभावित हुआ है वहीं 50 फीसदी से अधिक उद्योगों में अभी भी काम ठप्प है।
शराब के ठेके बंद होने से करोड़ों का नुक्सान
परिवहन सेवाएं बाधित होने के कारण पैट्रोल व डीजल से कर उगाही नहीं हो पा रही है। इसी तरह शराब के ठेके बंद होने से करोड़ों का नुक्सान हुआ है। व्यापारियों को भी इस अवधि में नुक्सान पहुंचा है। इस तरह उद्योग जगत के अलावा छोटे कारोबारी और आम आदमी बिजली, पानी और सीवरेज सहित अन्य मदों से शुल्क में छूट देने की मांग कर रहे हैं।