Edited By Vijay, Updated: 09 May, 2024 08:45 PM
प्रदेश हाईकोर्ट में सीपीएस की नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आगामी सुनवाई आज भी जारी रहेगी। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर व न्यायाधीश बीसी नेगी की खंडपीठ के समक्ष 8 मई को दोपहर बाद से इन मामलों पर पुनः सुनवाई शुरू हुई थी।
शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट में सीपीएस की नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आगामी सुनवाई आज भी जारी रहेगी। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर व न्यायाधीश बीसी नेगी की खंडपीठ के समक्ष 8 मई को दोपहर बाद से इन मामलों पर पुनः सुनवाई शुरू हुई थी। सरकार की ओर से एक ही मुद्दे को लेकर दायर दो अलग-अलग याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट के दो अलग-अलग वरिष्ठ अधिवक्ता नियुक्त किए गए हैं। सतपाल सत्ती व अन्य भाजपा विधायकों द्वारा दायर मामले में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे और याचिकाकर्त्ता कल्पना द्वारा दायर मामले में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक के. तनखा प्रदेश सरकार की ओर से मामले में अपनी बहस कर रहे हैं। इससे पहले भी लगातार तीन दिन बहस के दौरान प्रार्थियों की ओर से अपना पक्ष न्यायालय के समक्ष रखा गया था और सीपीएस की नियुक्तियों को रद्द करने की गुहार लगाई गई।
प्रार्थियों की ओर से कहा गया था कि प्रदेश में सीपीएस की नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के विपरीत है इसलिए इनके द्वारा किया गया कार्य भी अवैध है। इतना ही नहीं इनके द्वारा गैरकानूनी तरीके से लिया गया वेतन भी वापस लिया जाना चाहिए। प्रार्थियों की ओर से सीपीएस की नियुक्तियों पर रोक लगाने की गुहार लगाते हुए कहा गया था कि इन्हें एक पल के लिए भी पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। इस मामले पर अब राज्य सरकार की ओर बहस जारी है। सरकार का कहना है कि कानून के तहत सीपीएस की नियुक्तियां की गई हैं और सरकार इस बाबत कानून बनाने की संवैधानिक शक्तियां रखती है।
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