Edited By Jyoti M, Updated: 13 Sep, 2024 02:42 PM
जिला में गठित किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को मजबूती प्रदान करने के लिए वीरवार को कृषि उपनिदेशक कार्यालय हमीरपुर में एक बैठक आयोजित की गई। उपनिदेशक डॉ. शशिपाल अत्री की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में जिला के आठ एफपीओ ने भाग लिया।
हमीरपुर। जिला में गठित किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को मजबूती प्रदान करने के लिए वीरवार को कृषि उपनिदेशक कार्यालय हमीरपुर में एक बैठक आयोजित की गई। उपनिदेशक डॉ. शशिपाल अत्री की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में जिला के आठ एफपीओ ने भाग लिया। इस अवसर पर डॉ. शशिपाल अत्री ने सभी पंजीकृत संगठनों के पदाधिकारियों से बीज, जैविक एवं रसायनिक खादों, कीटनाशकों और कृषि मंडी का लाईसेंस बनाने की अपील की।
उन्होंने बताया कि बीज और दवाइयों की डीलरशिप लेकर एफपीओ किसानों की काफी बचत करवा सकते हैं। इससे बीज के मूल्यों पर 8 से 15 प्रतिशत तक और दवाइयों पर 30 से 35 प्रतिशत तक की बचत हो सकती है। बैठक के दौरान उपनिदेशक ने संगठनों को लाइसेंस भी प्रदान किए।
उन्होंने बताया कि किसान उत्पादक संगठनों का गठन सरकार की महत्वपूर्ण योजना है, जिसमें लघु एवं सीमांत किसानों को संगठित करके एफपीओ बनाए जाते हैं। इनके माध्यम से किसानों को बीज, कृषि औजार, कीटनाशक एवं फंफूद नाशक दवाइयों, जैविक व रासायनिक खादों को उपलब्ध करवाने के साथ-साथ तकनीकी सेवाओं, प्रसंस्करण और विपणन तक खेती के लगभग सभी पहलुओं को भी कवर किया जा सकता है।
किसानों द्वारा उगाई गई फलों, सब्जियों, दूध, खाद्यान्नों और पौष्टिक अनाजों का मूल्यवर्द्धन करके बाजार में अच्छी कीमत दिलवाने में भी एफपीओ काफी मददगार साबित हो सकते हैं। बैठक में भूतपूर्व कृषि उप निदेशक डॉ. सुरेश धीमान ने भी एफपीओ के पदाधिकारियों का मार्गदर्शन किया। आतमा के परियोजना निदेशक डॉ. नितिन शर्मा ने किसानों के लिए चलाई जा रही प्राकृतिक खेती पर आधारित योजनाओं से संगठनों को अवगत करवाया। कृषि विकास अधिकारी किरण बाला ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद किया।