बीसीसीआई डोमैस्टिक क्रिकेट को भी लाएगी कांट्रैक्ट सिस्टम में : अरुण धूमल

Edited By Kuldeep, Updated: 23 Dec, 2019 08:45 PM

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बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष एवं हिमाचल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष अरुण सिंह धूमल ने कहा कि बीसीसीआई जल्द ही डोमैस्टिक प्लेयरों के लिए भी नया सिस्टम लाने जा रही है।

हमीरपुर, (राजीव): बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष एवं हिमाचल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष अरुण सिंह धूमल ने कहा कि बीसीसीआई जल्द ही डोमैस्टिक प्लेयरों के लिए भी नया सिस्टम लाने जा रही है। जिसके तहत रणजी मैचों में खेलने वाले क्रिकेट प्लेयरों को भी कांटै्रक्ट सिस्टम के तहत ए ग्रेड, बी ग्रेड और सी ग्रेड में रखा जाएगा ताकि उन्हें भी भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाडिय़ों की तर्ज पर धनराशि मिल सके। उन्होंने कहा कि सारे डोमैस्टिक मैच खेलने वाले खिलाड़ी को सिर्फ 28 लाख रुपए मिलते हैं तथा जो खिलाड़ी डोमैस्टिक मैचों की टीमों में होते हैं लेकिन उन्हें खेलने का मौका नहीं मिलता है तो ऐसे खिलाडिय़ों को मात्र 15 लाख तक की धनराशि मिलती है, जोकि बेहद कम है।

4 क्रिकेट एकैडमी वूमैन खिलाडिय़ों के लिए होंगी

 उन्होंने कहा कि बीसीसीआई जब भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान को 280 करोड़ रुपए की राशि कांट्रैक्ट सिस्टम से दे सकती है तो डोमैस्टिक क्रिकेट में भी खिलाडिय़ों को अच्छी धनराशि मिलनी चाहिए। जिसके लिए बीसीसीआई आगामी समय में जल्द ही बड़ा एलान करने वाली है। बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण सिंह धूमल पहली बार अपने गृह जिला के टौणी देवी में पहुंचे थे। इस दौरान उन्हें बीसीसीआई का कोषाध्यक्ष बनने पर स्थानीय पंचायत बारीं, टौणी देवी व्यापार मंडल, शहरी इकाई सहित विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने सम्मानित भी किया। अरुण धूमल ने पंजाब केसरी से विशेष भेंट में कहा कि हिमाचल में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए 70 क्रिकेट एकैडमी हर जिला स्तर पर खोली जाएंगी, जिसमें से 4 क्रिकेट एकैडमी वूमैन खिलाडिय़ों के लिए होंगी।

सीएए पर अशिक्षित लोग फैला रहे भ्रम

बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने नागरिक संशोधन बिल (सीएए) पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि समाज के अशिक्षित लोग सीएए पर भ्रम फैला रहे हैं ताकि देश में दंगे भड़कें। उन्होंने कहा कि सीएए से पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बंगलादेश से जो हिंदू, सिख व इसाई वर्ग के लोग धर्म स्थानांतरण के उपरांत भारत में रह रहे हैं उनको नागरिकता मिलेगी। उन्होंने कहा कि सीएए नागरिकता देने वाला कानून है, न की नागरिकता छीनने वाला है, इसलिए लोगों को शिक्षित होना जरूरी है तथा अशिक्षित लोगों के भ्रम का पर्दाफाश करना होगा।

स्कूलों में फेलियर चलेंगे पर जिंदगी में फेलियरों को दोबारा मौका नहीं मिलता

अरुण धूमल ने कहा कि प्रदेश की शिक्षा नीति जो कुछ वर्ष पहले बनी थी। जिसके चलते स्कूलों में पढऩे वाला कोई भी बच्चा फेल नहीं होगा, इससे समाज शिक्षित नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि कमजोर होने पर अगर बच्चा स्कूल में फेल हो जाता है तो चलेगा लेकिन अगर जिंदगी में ऐसी शिक्षा पाकर बच्चा फेल हो जाता है तो उसे दोबारा मौका नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि स्कूलों में खिचड़ी, वर्दी या बस्ता मुफ्त न मिले लेकिन अच्छा शिक्षक जरूर होना चाहिए, क्योंकि अच्छा शिक्षक ही राजनेता, डाक्टर, इंजीनियर व डीसी बनाता है।

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