Edited By Vijay, Updated: 05 Jan, 2019 10:57 PM
हिमाचल सरकार ने निजी बस ऑप्रेटरों को फायदा पहुंचाने के लिए एच.आर.टी.सी. की बसों को नहीं चलाया जा रहा है। यह बात शनिवार को एक पत्रकार सम्मेलन में पूर्व परिवहन मंत्री जी.एस. बाली ने कही। उन्होंने कहा कि जहां-जहां जरूरत है, इन खड़ी बसों को सरकार चलाए।...
कांगड़ा (कालड़ा): हिमाचल सरकार ने निजी बस ऑप्रेटरों को फायदा पहुंचाने के लिए एच.आर.टी.सी. की बसों को नहीं चलाया जा रहा है। यह बात शनिवार को एक पत्रकार सम्मेलन में पूर्व परिवहन मंत्री जी.एस. बाली ने कही। उन्होंने कहा कि जहां-जहां जरूरत है, इन खड़ी बसों को सरकार चलाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह कहकर किराया बढ़ाया था कि डीजल महंगा हो गया है परंतु अब डीजल के भाव काफी नीचे आ गए हैं तो इसका लाभ आम जनता को मिलना चाहिए और तुरंत बढ़े हुए बस किराए के दाम कम करने चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने किराया बढ़ाने के बाद कितना अतिरिक्त रैवन्यू इकट्ठा किया है, इस बात को बताए। उन्होंने कहा कि प्राइवेट बस चालक निर्धारित किराए से कम में सवारियां ले जाते हैं। अगर सरकार किराए में कमी करेगी तो सवारियां भी बढ़ेंगी, जिससे रैवन्यू में बढ़ौतरी होगी।
जे.एन.एन.यू.आर.एम. योजना के तहत बनाए 13 कलस्टर
उन्होंने कहा कि यू.पी.ए. की सरकार में प्रदेश सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिला था और ट्रांसपोर्ट सैक्टर को उभारने के लिए उनसे किसी भी योजना के तहत मदद की मांग की थी। उन्होंने कहा कि हमें इसकी प्रोजैक्ट रिपोर्ट बनाने के लिए कहा गया। उन्होंने कहा कि जवाहर लाल नेहरू अर्बन मिशन योजना के तहत 13 कलस्टर बनाए गए। उन्होंने बताया कि एक कलस्टर के तहत 60 से 120 बसें लेने की योजना बनाई गई। उन्होंने बताया कि हमारी डी.पी.आर. पर केंद्र की मनमोहन सरकार ने लगभग 800 बसों की मंजूरी प्रदान की। उन्होंने कहा कि एच.आर.टी.सी. के इस प्रोजैक्ट पर केंद्र ने बाकी प्रदेशों को भी हिमाचल की तरह से काम करने को कहा।
लंबे रूट की बसें खरीदने का निर्णय हमारी सरकार का
उन्होंने कहा कि लंबे रूट की बसें जोकि ज्यादातर अंतर्राज्यीय चलती हैं, उनको भी खरीदने का निर्णय हमारी सरकार ने लिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 450 रूटों पर जहां-जहां पुरानी बसें थीं, उनको बदलने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि बसों को लोन पर लेने का निर्णय हुआ और हमने समय-समय पर हर बैंक का केवल लोन ही वापस नहीं किया अपितु करोड़ों रुपए की जो कर्मचारियों को देनदारी थी, उसका भी भुगतान किया गया।
पुरानी सरकार की देनदारियों का भुगतान करना हर सरकार की जिम्मेदारी
उन्होंने कहा कि बसों का बेड़ा जो 1,600 होता था, हमने उसको बढ़ाकर 3,100 कर दिया। उन्होंने बताया कि मेरी जानकारी के अनुसार जिनसे हमने बसें खरीदी थीं, उनका पैसा जोकि 15-16 करोड़ रूपए है, वह अभी तक वापस नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि यह हर सरकार की जिम्मेदारी होती है कि वह पुरानी सरकार की देनदारियों का भुगतान करे।