ऑनलाइन शिक्षा के लिए पहले शिक्षकों को ट्रेंड करवाए सरकार : राजेंद्र राणा

Edited By Vijay, Updated: 19 Jul, 2020 04:54 PM

government should first trained teachers for online education

राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि कोविड-19 के दौर में सेहत और शिक्षा को साथ-साथ ठीक रखने के लिए ऑनलाइन पढ़ाई का प्रचलन शुरू हुआ है जोकि संकट के इस दौर में सही भी है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई करीब-करीब प्रदेश के सभी...

हमीरपुर (ब्यूरो): राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि कोविड-19 के दौर में सेहत और शिक्षा को साथ-साथ ठीक रखने के लिए ऑनलाइन पढ़ाई का प्रचलन शुरू हुआ है जोकि संकट के इस दौर में सही भी है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई करीब-करीब प्रदेश के सभी सरकारी व गैर-सरकारी स्कूलों में शुरू की गई है लेकिन एक गैर-सरकारी संस्था के सर्वे पर भरोसा करें तो 99 फीसदी टीचरों को ऑनलाइन पढ़ाई का अनुभव नहीं है, उनके लिए यह शिक्षण पद्धति नई है।

उन्होंने कहा कि यह समस्या हमारे देश और प्रदेश में पहली बार पेश आई है। बावजूद इसके शिक्षकों के हौसले, हिम्मत व जज्बे की दाद देनी होगी कि वह बिना किसी ट्रेनिंग के ऑनलाइन पढ़ाई का प्रयास जारी रखे हुए हैं। हालांकि इनमें से अधिकांश शिक्षक जीवन में पहली मर्तबा ऑनलाइन क्लासेज ले रहे हैं। अपने व्यक्तिगत ज्ञान व इधर-उधर से प्राप्त जानकारियों के दम पर प्रदेश में शिक्षकों ने ऑनलाइन शिक्षा का क्रम जारी रखा है जोकि शिक्षकों के शिक्षा के प्रति सम्मान के जज्बे को बताता है।

उन्होंने प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग से आग्रह किया है कि सरकार ऑनलाइन शिक्षा के लिए शिक्षकों को ऑनलाइन ही ट्रेनिंग दिलाने का जल्द इंतजाम करे ताकि उनकी मेहनत को तकनीक व ट्रेनिंग का आभाव प्रभावित न कर सके क्योंकि मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन में अधिकांश टीचर को ऑनलाइन पढ़ाई के न तो टूल्स पता हैं और न ही उन टूल्स को उपयोग करने की जानकारी प्राप्त है, ऐसे में महामारी के बचाव में सेहत का ख्याल रखने वाले शिक्षकों के शिक्षण के मिशन को झटका लग सकता है।

उन्होंने कहा कि हालांकि पड़ोसी राज्यों में शिक्षकों को ऑनलाइन शिक्षा के लिए तैयार करने व ट्रेनिंग देने का सिलसिला शुरू कर दिया गया है, जिसके बाद प्रशिक्षित टीचर छात्रों को पढ़ा रहे हैं। हालांकि अभी तक शिक्षक क्लाऊड मीट एप्स, शिष्य-दीक्षा, गुगल एप्स आदि कई एप्स का उपयोग अपनी-अपनी जानकारी के मुताबिक कर रहे हैं लेकिन हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्य में कई अनेक स्थानों पर नैटवर्क की भी बड़ी समस्या ऑनलाइन पढ़ाई में दिक्कतें पैदा कर रही है तो अधिकांश स्कूलों में डिजिटल इंडिया अभी तक कागजों में ही घूम रहा है। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के हो रहे हर्जे को देखते हुए प्रदेश सरकार पड़ोसी राज्यों की तर्ज पर शिक्षकों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए ट्रेंड करे। इसके साथ बड़ी समस्या यह भी है कि प्रदेश में अधिकांश परिवारों के पास एंड्रॉयड फोन नहीं हैं जबकि ऑनलाइन स्कूल शिक्षण में एंड्रॉयड फोन पर व्हाट्सएप अभी तक सबसे कारगर टीचिंग टूल साबित हुआ है।

उन्होंने कहा कि हालांकि ऑनलाइन कक्षाओं के कई नुक्सान भी देखे जा रहे हैं, जिनमें भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान व जीव विज्ञान आदि विषयों में प्रैक्टिकल करवाने का कोई तरीका नहीं है। दूसरा छात्र के मनोवैज्ञानिक, सामाजिक व भावनात्मक विकास के भौतिक पहलुओं की ऑनलाइन पढ़ाई में पूरी तरह उपेक्षा होती है जबकि शारीरिक शिक्षा केवल सैद्धांतिक रूप से ही ऑनलाइन पढ़ाई में सिखानी संभव नहीं है लेकिन बहरहाल जब तक स्थितियां सामान्य नहीं होती हैं तब तक सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि ऑनलाइन पढ़ाई के लिए प्रदेश के शिक्षकों को ट्रेनिंग दिलाई जाए ताकि ऑनलाइन पढ़ाई का काम सही व सुचारू रूप से चल सके।

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