गिरिपार क्षेत्र पर कांग्रेस ने छोड़ा शिगूफा, 'ट्राइबल का दर्जा मिलना संभव नहीं'

Edited By Punjab Kesari, Updated: 16 Feb, 2018 09:51 AM

giripar area

प्रदेशभर में कांग्रेस ने ''हिसाब दें सांसद, जवाब दें सांसद'' अभियान को बड़े ही जोश-खरोश के साथ छेड़ दिया है। इसी कड़ी में नाहन पहुंचे पूर्व सरकार में मंत्री और पूर्व सांसद कर्नल धनीराम शांडिल ने बीजेपी सांसद वीरेंद्र कश्यप पर तीखे हमले बोले।

नाहन (सतीश): प्रदेशभर में कांग्रेस ने 'हिसाब दें सांसद, जवाब दें सांसद' अभियान को बड़े ही जोश-खरोश के साथ छेड़ दिया है। इसी कड़ी में नाहन पहुंचे पूर्व सरकार में मंत्री और पूर्व सांसद कर्नल धनीराम शांडिल ने बीजेपी सांसद वीरेंद्र कश्यप पर तीखे हमले बोले। इस दौरान उन्होंने गिरिपार क्षेत्र के मुद्दे को भी ताजा हवा दे दी। उन्होंने कहा कि शांडिल ने लोगों को ट्राइबल घोषित करने को लेकर मात्र गुमराह किया। क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा मिलना संभव नहीं लग है, बावजूद इसके बीजेपी ने इसे कई बार चुनावी मुद्दा बनाया। 


शांडिल ने कहा कि अच्छा होता कि अगर गिरीपार क्षेत्र को पर्यटन हब के रूप में विकसित किया जाता। वहीं जब इस बारे में उनसे सवाल किया गया कि उन्होंने सांसद का उम्मीदवार रहते हुए खुद गिरीपार को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने का वायदा किया था तो उन्होंने कहा कि वह इस बारे में पहले ही लोगों को स्पष्टीकरण दे चुके थे। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के लिए देश के लोगों से वायदा किया था कि भाजपा को सत्ता में लाओ तो 2019 तक अच्छे दिन आएंगे। अब कह रहे हैं कि 2022 तक अच्छे दिन आ जाएंगे जबकि वास्तविकता यह है कि न वायदे पूरे हुए और न ही अच्छे दिन आए। युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध नहीं हुए। 2 प्रतिशत जी.डी.पी. नीचे गिरी है। ऐसे में वित्तीय संकट गहराया है। नोटबंदी से आम आदमी को परेशानी आई है। 


वीरेंद्र कश्यप को याद दिलाए वायदे
उन्होंने कश्यप को भी उनके वायदे याद दिलाए। उन्होंने कहा कि सांसद खासतौर से जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय दर्जा दिलाने, रेणुका डैम के निर्माण व जिला में रेल लाइन प्रस्ताव को आगे नहीं बढ़ा सके। शांडिल ने माना कि जब वह सांसद थे, तब वह भी इन मुद्दों पर सफल नहीं हुए लेकिन राजनेताओं को वोट लेने के लिए जनता को गुमराह नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सांसद से, सांसद निधि के खर्चे का ब्यौरा मांगेगी। सोलन व सिरमौर की ऐसी कितनी ही पंचायतें हैं जहां सांसद निधि का वितरण ही नहीं हुआ। उन्होंने सवाल किया कि आदर्श ग्राम योजना का क्या बना, सांसद इसमें कितने सफल रहे। जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अजय सोलंकी ने कहा कि घोषणाओं को लेकर सांसद की जवाबदेही बनती है। जिला सिरमौर में सांसद ने कितना विकास करवाया, इसका उन्हें हिसाब देना चाहिए। सांसद जनहित के मामलों में नाकाम रहे हैं।


सी.एम. को करना चाहिए जंजहैली मामले में हस्तक्षेप 
शांडिल ने कहा कि जंजहैली में एस.डी.एम. कार्यालय प्रकरण के मामले में मुख्यमंत्री जयराम को हस्तक्षेप करना चाहिए। जनता को जो सुविधा दी जाती है, उसको वापस लेना सही नहीं है। ऐसे में जनता का गुस्सा झेलना पड़ता है। जनता सुविधाएं चाहती है। 

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