ठेकेदारों ने दी चेतावनी, बोले-पैसे नहीं मिले तो बंद होगा फोरलेन का काम

Edited By Vijay, Updated: 15 Nov, 2019 07:51 PM

fourlane contractor gave warning

कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन में कार्य करने वाले ठेकेदारों ने चेतावनी दी है कि यदि उनके करीब 50 करोड़ रुपए का भुगतान न किया गया तो वे फोरलेन का काम बंद कर देंगे। परिधि गृह बिलासपुर में आयोजित प्रैस वार्ता में पूर्व जिला परिषद सदस्य एवं फोरलेन ठेकेदार...

बिलासपुर (ब्यूरो): कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन में कार्य करने वाले ठेकेदारों ने चेतावनी दी है कि यदि उनके करीब 50 करोड़ रुपए का भुगतान न किया गया तो वे फोरलेन का काम बंद कर देंगे। परिधि गृह बिलासपुर में आयोजित प्रैस वार्ता में पूर्व जिला परिषद सदस्य एवं फोरलेन ठेकेदार जितेंद्र चंदेल ने बताया कि कीरतपुर-नेरचौक का काम वर्ष, 2013 में शुरू हुआ था तथा इसका काम जून, 2017 से बंद पड़ा है। उन्होंने बताया कि इस फोरलेन में करीब 70 ठेकेदारों ने विभिन्न निर्माण कार्य किए तथा करीब 50 करोड़ रुपए उनका संबंधित कंपनी के पास फंसा है।

इस फोरलेन का निर्माण कार्य एक कंपनी कर रही थी तथा यह कार्य बीओटी के आधार पर आबंटित हुआ था। उन्होंने बताया कि संबंधित कंपनी दावा कर रही है कि उसने करीब 1,400 करोड़ रुपए निर्माण कार्य पर खर्च किए हैं तथा नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ इस कंपनी की 13 अगस्त को बैठक हुई थी, जिसमें संबंधित कंपनी ने नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को सुझाव दिया था कि उसने कुछ लोगों को पैसा देना है, जिसकी पेमैंट नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया कर दे और जब उनकी पेमैंट के लिए समझौते की बात होगी तो नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया इस पैसे को काट ले।

उन्होंने बताया कि नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इस सुझाव को ठुकरा दिया। हालांकि कंपनी ने ठेकेदारों की लिस्ट भी दी थी। उन्होंने बताया कि अपनी बकाया राशि को लेने के लिए वे लोग तत्कालीन सांसद व मौजूदा केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर व तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष तथा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी मुलाकात की लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही निकला।

उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार ने उनके पैसे को निकलवाने का कोई प्रयास नहीं किया और इस फोरलेन का निर्माण कार्य पंजाब की एक कंपनी को दे दिया। इस कंपनी को कीरतपुर-कैंचीमोड़ तथा जड़ोल से नेरचौक तक का काम आबंटित कर दिया। उन्होंने बताया कि पैसे लेने की मांग को लेकर मल्यावर में गत 7 जुलाई को आयोजित जनमंच में भी शिकायत उठाई थी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि वे राष्ट्रहित में इस फोरलेन का निर्माण कार्य पूरा होता देखना चाहते हैं लेकिन पहले उनकी पेमैंट होनी चाहिए।

उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने भी गत दिनों संबंधित कंपनी के साथ बैठक की लेकिन उन्हें उस बैठक में बुलाया नहीं गया। उन्होंने बताया कि अपने हक को पाने के लिए 21 नवम्बर को बिलासपुर में बैठक रखी गई है और उसमें आर-पार की लड़ाई लडऩे का निर्णय लिया जाएगा तथा उस दिन डीसी को भी एक ज्ञापन दिया जाएगा। इस अवसर पर दिनेश नड्डा, गुरदेव ठाकुर, निती रात व अरुण गौतम भी मौजूद रहे।

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