धौलासिद्ध प्रोजैक्ट के लिए सरकारी नियमों के अनुसार हो भूमि का अधिग्रहण : राजेंद्र राणा

Edited By Vijay, Updated: 20 Feb, 2020 06:22 PM

farmer conflict committee met from mla rajender rana

हमीरपुर और कांगड़ा जिला के किसानों की हजारों कनाल बेशकीमती भूमि जोकि धौलासिद्ध विद्युत प्रोजैक्ट की जद में आ रही है। उसके अधिग्रहण की सही प्रक्रिया न अपनाकर धौलासिद्ध प्रोजैक्ट प्रबंधन किसानों के शोषण पर अमादा हो गया है। इस प्रक्रिया में आम गरीब...

हमीरपुर (ब्यूरो): हमीरपुर और कांगड़ा जिला के किसानों की हजारों कनाल बेशकीमती भूमि जोकि धौलासिद्ध विद्युत प्रोजैक्ट की जद में आ रही है। उसके अधिग्रहण की सही प्रक्रिया न अपनाकर धौलासिद्ध प्रोजैक्ट प्रबंधन किसानों के शोषण पर अमादा हो गया है। इस प्रक्रिया में आम गरीब किसान को डरा-धमका कर उसकी भूमि को हड़पने का जबरन प्रयास किया जा रहा है। इस अहम मसले को लेकर किसानों की संघर्ष कमेटी सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा से मिली है। विधायक ने इस मामले पर उन्हें उनका हक दिलाने का आश्वासन भी दिया है। संघर्ष समिति ने विधायक से गुहार लगाते हुए कहा है कि अब वह ही उनका एक मात्र सहारा हैं क्योंकि इस मामले में सरकार उनकी एक नहीं सुन रही है। विधायक ने किसानों को आश्वासन देते हुए कहा है कि वह आम किसानों से जुड़े इस मुद्दे को विधानसभा सत्र में उठाएंगे क्योंकि वह किसानों के शोषण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे।

किसानों को न्याय दिलाने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे

इस मामले पर उन्होंने जारी प्रैस विज्ञप्ति में कहा है कि संघर्ष समिति की बात सुनने व तमाम दस्तावेजों का बारीकी से अध्ययन करने के बाद वह इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि किसान सही हैं और उनकी भूमि का अधिग्रहण सरकारी नियम के अनुसार होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि संघर्ष कमेटी द्वारा सौंपे गए दस्तावेजों से यह खुलासा हुआ है कि एसजेवीएन प्रबंधन जो इस प्रोजैक्ट को बनाएगा, उसके अधिकारी सरकारी नियमों के अनुसार भूमि का अधिग्रहण न करके अपनी मनमर्जी के मुताबिक गरीब किसानों पर दबाव बनाकर भूमि को खरीद रहे हैं। किसानों ने अपनी शिकायत में यह भी कहा है कि अधिकारियों के इस दबाव, प्रभाव में कुछ किसान इस जबरी प्रक्रिया के झांसे में आकर अपनी जमीन दे भी चुके हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को न्याय दिलाने के लिए वह अपनी पार्टी कांग्रेस के साथ किसी भी हद तक किसानों की मदद के लिए जाएंगे।

44 गांवों के परिवार झेलेंगे विस्थापन का दंश

उन्होंने बताया कि इस प्रोजैक्ट की जद में 338 हैक्टेयर भूमि आने की बात कही गई है, जिसमें से 58 हैक्टेयर भूमि का मालिक वन विभाग है जबकि किसानों की भूमि 252 हैक्टेयर व राज्य सरकार की भूमि 28 हैक्टेयर है। इस प्रोजैक्ट की जद में 18 पंचायतों की भूमि पर से किसानों का विस्थापन होगा, जिनमें से 10 पंचायतें जिला हमीरपुर व 8 पंचायतें जिला कांगड़ा की हैं। 44 गांवों के परिवार इस विस्थापन में प्रभावित रहेंगे, जिनमें से हमीरपुर के 30 गांव व कांगड़ा के 14 गांव मुख्य तौर पर प्रभावित होंगे। कुल मिलाकर 713 परिवारों की भूमि इस प्रोजैक्ट की जद में आएगी लेकिन हैरानी यह है कि एसजेवीएन सरकारी नियमों के अनुसार भूमि का अधिग्रहण न करके इन किसानों को डरा-धमका कर जमीनों की रजिस्ट्री करवा रहा है। जब स्थानीय जनता ने भूमि की इस जबरन खरीद का विरोध किया तो सरकार ने इसके लिए एक कमेटी गठित कर दी, जिसके अध्यक्ष जिलाधीश कांगड़ा व जिलाधीश हमीरपुर हैं।

किसानों से अन्याय किसी भी सूरत पर नहीं होगा बर्दाश्त

उन्होंने कहा कि हैरानी यह है कि हजारों करोड़ का राजस्व कमाने वाले एसजेवीएन की चिंता में सरकार ने सैंकड़ों परिवारों को बर्बाद करने की छूट दे दी है जबकि नियमानुसार इस भूमि का अधिग्रहण होना है और इसके सर्किल रेट का 4 गुना मुआवजा किसानों को मिलना है। यह भारत सरकार का नियम भी है और किसानों का हक भी है। उन्होंने कहा कि हमीरपुर और कांगड़ा की भूमि पर लगने वाले धौलासिद्ध प्रोजैक्ट का स्वागत है लेकिन किसानों से अन्याय किसी भी सूरत पर बर्दाश्त नहीं होगा।

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