Edited By kirti, Updated: 03 Aug, 2019 10:48 AM

हिमाचल निर्माता पूर्व मुख्यमंत्री डा. यशवंत सिंह परमार इस महापुरुष के बारे में बहुत कुछ कहा और सुना गया। बहुत कुछ लिखा भी गया। डा. परमार का जन्म 4 अगस्त 1906 को सिरमौर जिला के चन्हालग गांव में हुआ था। हिमाचल वासियों के लिए इतनी बड़ी विरासत छोडऩे...
राजगढ़ : हिमाचल निर्माता पूर्व मुख्यमंत्री डा. यशवंत सिंह परमार इस महापुरुष के बारे में बहुत कुछ कहा और सुना गया। बहुत कुछ लिखा भी गया। डा. परमार का जन्म 4 अगस्त 1906 को सिरमौर जिला के चन्हालग गांव में हुआ था। हिमाचल वासियों के लिए इतनी बड़ी विरासत छोडऩे वाले डा. परमार के बैंक खाते में उस समय केवल 563 रुपए थे जब उन्होंने अंतिम सांस ली। राजगढ़ के प्रसिद्ध लेखक व साहित्यकार जय प्रकाश चौहान एवं शेरजंग चौहान के अनुसार बात 1976 की है वे दोनों कांग्रेस ऑफिस शिमला के सामने खड़े थे और कांग्रेस भवन में चल रही हलचल को देख रहे थे तभी डा. परमार व रामलाल ठाकुर बाहर आए और कार की ओर बढ़े। डा. परमार ने कार का दरवाजा खोला और राम लाल ठाकुर ने बैठने का आग्रह किया।
रामलाल ठाकुर यह सब देखकर हैरान हो गए और हाथ जोड़ कर परमार से पहले कार में बैठने का इशारा किया। डा. परमार ने रामलाल ठाकुर को बल पूर्वक कार में बिठा दिया। दरअसल उस समय डा. परमार ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आग्रह पर मुख्यमंत्री पद से त्याग पत्र दे दिया था और रामलाल ठाकुर को मुख्यमंत्री बना दिया था। त्याग पत्र देने से कुछ दिन पहले ही डा. परमार दिल्ली से लौटे थे और अचानक उन्हें फि र से दिल्ली बुला लिया गया और परमार भी दिल्ली चले गए। वहां प्रधानमंत्री कार्यालय में कांग्रेस महासचिव से मिले। कांग्रेस सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री चाहते हैं कि वे अपने पद से त्याग पत्र दें दे और आज आप यही रुक जाएं। कल आपकी मुलाकात प्रधानमंत्री से होगी। डा. परमार ने मुस्कुराते हुए कहा बस इतनी सी बात फोन पर ही बता देते और कहा कि मुझे मुख्यमंत्री बनने का अवसर भी उन्होंने ही दिया था और उन्हीं के आदेशों पर पद छोड़ भी दूंगा। त्याग पत्र देकर वापिस चले आए।