Edited By Jyoti M, Updated: 31 May, 2025 03:22 PM

भारत निर्वाचन आयोग दने पिछले 100 दिनों में मतदाताओं के अनुभव को बेहतर बनाने और निर्वाचन प्रबंधन को अधिक सुव्यवस्थित बनाने को लेकर 21 नवाचारी पहलें की हैं। इन पहलों में प्रक्रियागत सुधार, प्रशिक्षण कार्यक्रमों का विस्तार और हितधारकों की सक्रिय...
ऊना। भारत निर्वाचन आयोग दने पिछले 100 दिनों में मतदाताओं के अनुभव को बेहतर बनाने और निर्वाचन प्रबंधन को अधिक सुव्यवस्थित बनाने को लेकर 21 नवाचारी पहलें की हैं। इन पहलों में प्रक्रियागत सुधार, प्रशिक्षण कार्यक्रमों का विस्तार और हितधारकों की सक्रिय सहभागिता शामिल है। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त जतिन लाल ने जानकारी दी कि 26वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के पदभार ग्रहण करने के साथ ही आयोग ने अनेक उद्देश्यपरक, व्यावहारिक और सक्रिय उपाय आरंभ किए हैं। मार्च 2025 में आयोजित मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के सम्मेलन में निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधु तथा डॉ. विवेक जोशी की उपस्थिति में मुख्य निर्वाचन आयुक्त द्वारा एक नवीन विजन प्रस्तुत किया गया, जो आयोग को नई ऊर्जा एवं दिशा प्रदान करेगा।
उपायुक्त ने बताया कि मतदाताओं की पहुँच को आसान बनाने के लिए प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या 1,500 से घटाकर 1,200 कर दी गई है। घनी आबादी वाले क्षेत्रों, जैसे गेटेड समुदायों और ऊँची इमारतों में अतिरिक्त मतदान केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, ताकि किसी मतदाता को 2 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय न करनी पड़े। इसके अतिरिक्त मतदाता सूचना पर्चियों में अब मतदाता क्रम संख्या और भाग क्रम संख्या को अधिक स्पष्ट रूप से दर्शाया जाएगा। मतदान केंद्रों के बाहर मोबाइल फोन जमा करने की सुविधा भी सुनिश्चित की गई है। एकल-बिंदु सेवाओं के लिए नया एकीकृत डैशबोर्ड ईसीआई-नेट विकसित किया गया है, जो वर्तमान में उपयोग में लाए जा रहे 40 से अधिक ऐप और वेबसाइटों की जगह लेगा।
मतदाता सूची से मृत मतदाताओं को समय पर हटाने हेतु भारत के महापंजीयक के मृत्यु पंजीकरण डेटा को सीधे एकीकृत किया गया है। राजनीतिक दलों के साथ संवाद को सुदृढ़ करने हेतु देशभर में 4,719 बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें 28,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। आयोग ने आम आदमी पार्टी, भाजपा, बसपा, माकपा और एनपीपी सहित विभिन्न मान्यता प्राप्त दलों से भी विचार-विमर्श किया है। साथ ही उपचुनावों के पश्चात और अधिक संवाद सत्रों की योजना बनाई गई है। राजनीतिक दलों को बूथ 100 मीटर के भीतर स्थापित करने की अनुमति दी गई है। डुप्लिकेट ईपीआईसी नंबर की समस्या का समाधान करते हुए विशिष्ट ईपीआईसी नंबर प्रणाली लागू की गई है। बीएलओ को अब मानक फोटो आईडी कार्ड प्रदान किए जा रहे हैं।
नई दिल्ली में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों में 3,500 से अधिक बूथ लेवल पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है, और आगामी 20 बैचों में 6,000 से अधिक पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। आयोग का लक्ष्य आगामी वर्षों में 1 लाख बीएलओ पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित करना है। सभी 36 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के सीईओ कार्यालयों के एसएमएनओ व एमएनओ तथा बिहार पुलिस अधिकारियों के लिए भी विशिष्ट प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
उपायुक्त ने बताया कि निर्वाचन प्रक्रिया में शामिल 28 प्रमुख हितधारकों के लिए एक व्यापक प्रशिक्षण ढाँचा तैयार किया गया है, जो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 एवं 1951 मतदाता पंजीकरण नियम, 1960, तथा चुनाव संचालन नियम, 1961 सहित निर्वाचन आयोग के निर्देशों पर आधारित है। इसके अलावा चुनाव आयोग ने अपने मुख्यालय में बायोमेट्रिक उपस्थिति लागू की है, ई-ऑफिस प्रणाली को सक्रिय किया है, और नियमित रूप से सीईओ-स्तरीय समीक्षा बैठकें आयोजित की हैं। इन उपायों का उद्देश्य आंतरिक समन्वय और परिचालन दक्षता में सुधार करना है।