Edited By Vijay, Updated: 29 Aug, 2023 10:37 PM

हिमाचल में सामने आए 250 करोड़ से अधिक के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को शिमला और मंडी में दबिश दी। दोनों स्थानों पर करीब सुबह साढ़े 8 बजे शुरू हुई यह कार्रवाई कई घंटों तक चली। इस दौरान कई दस्तावेज भी कब्जे में...
शिमला (ब्यूरो): हिमाचल में सामने आए 250 करोड़ से अधिक के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को शिमला और मंडी में दबिश दी। दोनों स्थानों पर करीब सुबह साढ़े 8 बजे शुरू हुई यह कार्रवाई कई घंटों तक चली। इस दौरान कई दस्तावेज भी कब्जे में लिए जाने की सूचना है। ईडी की इस कार्रवाई से छात्रवृत्ति घोटाले में संलिप्त आरोपियों के साथ ही जांच दायरे में चल रहे संस्थानों में हड़कंप मच गया। सूचना के अनुसार छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में सीबीआई को मनी लॉन्ड्रिंग के मिले साक्ष्यों के आधार पर ईडी ने ये यह कार्रवाई अमल में लाई। मनी लॉन्ड्रिंग प्रावधानों के तहत खंगाला जा रहा है कि जांच दायरे में चल रहे संस्थानों ने करोड़ों रुपए की छात्रवृत्ति हड़प कर उसे कहां निवेश किया, ऐसे में यदि जांच में साक्ष्य मिलते हैं तो संबंधित संपत्तियों को ईडी अटैच करते हुए आगामी कार्रवाई अमल में लाएगी।
जांच दायरे में चल रहे तत्कालीन अधिकारी के घर में हुई छापेमारी
बताया जा रहा है कि शिमला के ढली में यह छापेमारी जांच दायरे में चल रहे एक तत्कालीन अधिकारी के घर में हुई है। इसके साथ ही जिला मंडी में ईडी की टीम ने दबिश दी। सूचना के अनुसार विभिन्न संस्थानों द्वारा पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति की राशि हड़पने से जुड़े घोटाले के पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ स्थित कई संस्थानों पर सिलसिलेवार छापेमारी की जा रही है।
सीबीआई कर रही जांच
प्रदेश में सामने आए छात्रवृत्ति घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है। इसके तहत कई संस्थानों के खिलाफ जांच पूरी करते हुए जांच एजैंसी अदालत में चार्जशीट भी दायर कर चुकी है जबकि कुछ के खिलाफ छानबीन जारी है। सीबीआई जांच में खुलासा हुआ है कि छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर हर स्तर पर अनियमितताएं बरती गईं। आपसी मिलीभगती से निजी संस्थानों को पहले आओ और पहले पाओ के आधार पर छात्रवृत्ति के लिए बजट जारी हुआ। यही कारण रहा है कि छात्रवृत्ति का 80 प्रतिशत बजट निजी और 20 प्रतिशत बजट सरकारी संस्थानों को जारी हुआ।
जांच के दायरे में करीब 28 संस्थान
सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने अब तक की जांच के तहत करीब 28 निजी संस्थानों को छात्रवृत्ति घोटाले में संलिप्त पाया गया है। इसके तहत 28 में से करीब 15 संस्थानों की जांच पहले ही पूरी हो चुकी है और आरोप पत्र दाखिल किए जा चुके हैं। इसके तहत कई गिरफ्तारियां भी की गई थीं।
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