विधानसभा: मुख्यमंत्री ने राधा स्वामी को जमीन देने पर विपक्ष की मंशा पर उठाए सवाल

Edited By Kuldeep, Updated: 20 Dec, 2024 10:27 PM

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प्रदेश विधानसभा से हिमाचल प्रदेश भू-जोत संशोधन अधिनियम 2024 ध्वनिमत से पारित होने के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राधा स्वामी सत्संग ब्यास चैरिटेबल संस्था को जमीन देने पर विपक्ष की मंशा पर सवाल उठाए।

धर्मशाला (कुलदीप): प्रदेश विधानसभा से हिमाचल प्रदेश भू-जोत संशोधन अधिनियम 2024 ध्वनिमत से पारित होने के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राधा स्वामी सत्संग ब्यास चैरिटेबल संस्था को जमीन देने पर विपक्ष की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि विपक्ष की तरफ से इस संशोधन को सिलैक्ट कमेटी को भेजने की बात करने से भाजपा का विरोधी चेहरा सामने आ रहा है। उन्होंने कहा कि राधा स्वामी सत्संग ब्यास एक चैरिटेबल संस्था है, लेकिन विपक्ष इनकी समस्या के समाधान का परोक्ष तौर पर विरोध कर रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के विधायकों ने भोटा अस्पताल के बाहर धरना भी दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने सत्ता में रहते हुए उद्योगों को एक रुपए प्रति मीटर के हिसाब से भी जमीन दी, लेकिन हम व्यवस्था परिवर्तन करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार धन कमाने को नहीं आई है। विपक्ष हिमाचल बेचने की बात कह रहा है। यह सरासर गलत है। मुख्यमंत्री की इस टिप्पणी पर सदन में हंगामे के साथ पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोंक हुई। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया को भी कुछ शब्द सदन की कार्यवाही से निकालने पड़े।

विपक्ष की तरफ से नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार को राधा स्वामी की मंशा पर कोई संदेह नहीं है तथा इस संस्था ने कोविड काल में भी पीड़ित मानवता की सेवा की है। उन्होंने कहा कि इस संशोधन की आड़ में कुछ लोग फायदा उठा सकते हैं और भाजपा के लिए हिमाचल प्रदेश के हित सर्वोपरि हैं। उन्होंने कहा कि सरकार यदि बिल सिलैक्ट कमेटी को भेजती है, तो इससे बेहतरी का रास्ता निकल सकता है। उन्होंने कहा कि लोगों ने संस्था को दान में जमीनें दी हैं। ऐसे में सरकार को सोचना चाहिए कि यह कानून की परिधि में आता भी है या नहीं।

चर्चा का उत्तर देते हुए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि भू-जोत कानून की धारा-5 में संशोधन सरकार कर रही है। इसके दायरे में सिर्फ एक संस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि 2013 में भी इस कानून में संशोधन और जिन संस्थाओं के पास 150 बीघा से ज्यादा भूमि है। उन्हें छूट दी गई। उन्होंने कहा कि धूमल सरकार के वक्त एक अधिसूचना से राधा स्वामी सत्संग ब्यास को जमीन के मामले में छूट दी गई थी। उन्होंने कहा कि संशोधित कानून सिर्फ एक संस्था पर नहीं, बल्कि सभी धार्मिक चैरिटेबल व आध्यात्मिक संस्थाओं पर लागू होगा। उन्होंने कहा कि संशोधित कानून के तहत 30 हैक्टेयर से अधिक भूमि संस्थाएं किसी अन्य संस्था को दे सकेंगी। मगर कानून का दुरुपयोग सरकार नहीं होने देगी।

चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि सत्ता पक्ष इसे राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष बिल को सिलैक्ट कमेटी को भेजने की बात कह रहा है, विरोध नहीं कर रहा है। भाजपा भी इसका समर्थन करती है और राधा स्वामी सत्संग ब्यास का सम्मान भी करती है। चर्चा में बोलते हुए भाजपा के इंद्रदत्त लखनपाल ने कहा कि उन्होंने कभी भोटा में धरना नहीं दिया। उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि भाजपा के दो विधायकों ने धरना दिया। लखनपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री धरने का गलत आरोप लगा रहे हैं। चर्चा में कृषि मंत्री व कांग्रेस विधायक आशीष बुटेल ने भी भाग लिया।

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