Edited By Kuldeep, Updated: 11 Jul, 2022 09:21 PM

धर्मगुरु दलाईलामा ने सोमवार को अपने निवास स्थान मैक्लोडंगज से संदेश दिया कि आप धर्म को स्वीकार करें या न करें, लेकिन करुणा का अभ्यास जरूर करें। जब भी संभव हो दूसरों की मदद करने का प्रयास करें, चाहे वह व्यक्ति कोई भी हो।
धर्मशाला (सचिन): धर्मगुरु दलाईलामा ने सोमवार को अपने निवास स्थान मैक्लोडंगज से संदेश दिया कि आप धर्म को स्वीकार करें या न करें, लेकिन करुणा का अभ्यास जरूर करें। जब भी संभव हो दूसरों की मदद करने का प्रयास करें, चाहे वह व्यक्ति कोई भी हो। दलाईलामा ने कहा कि करुणा और देखभाल दूसरों की भलाई के लिए आवश्यक है। हमारे दैनिक जीवन में करुणामय होना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बचपन में हमारी माताओं ने हमें प्यार से पाला और हमारा पालन-पोषण किया। दलाईलामा ने कहा कि अपने जीवन को करुणा से जीने से हम खुश रहेंगे। साथ ही अपने परिवार और दोस्तों को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेंगे। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि अपने भीतर मन की शांति पैदा करने से दुनिया को अधिक शांतिपूर्ण जगह बनाया जा सकता है।
तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा ने कहा कि उनके 87वें जन्मदिन पर हार्दिक बधाई देने के लिए सभी लोगों का धन्यवाद करते हैं। दलाईलामा ने कहा कि सभी लोगों की शुभकामनाओं की गहराई से सराहना करता हूं। उन्हें एक अधिक शांतिपूर्ण समाज के विकास के लिए जो कुछ भी योगदान करने में सक्षम हैं, उसकी मान्यता के रूप में मानते हैं। दलाईलामा ने कहा कि दूसरों की सेवा करने के मेरे प्रयासों के लिए आपके शब्द एक दृढ़ समर्थन हैं। मुझ पर आपकी आशा और विश्वास इस ग्रह पर सात अरब से अधिक मनुष्यों की भलाई में योगदान करने के मेरे दृढ़संकल्प को मजबूत करता है।