इंद्र बहादुर की पैंशन मामले में DC सिरमौर ने लिया संज्ञान, PWD को दिए निर्देश

Edited By Vijay, Updated: 06 Feb, 2023 12:13 AM

dc sirmaur took cognizance of inder bahadur s pension case

कैंसर रोग से पीड़ित लोक निर्माण विभाग से सेवानिवृत्त इंद्र बहादुर की 6 महीने बाद भी पैंशन न लगने के मामले में डीसी सिरमौर राम कुमार गौतम ने संज्ञान लेते हुए जल्द समस्या के समाधान के निर्देश लोक निर्माण विभाग को जारी किए हैं।

नाहन (आशु): कैंसर रोग से पीड़ित लोक निर्माण विभाग से सेवानिवृत्त इंद्र बहादुर की 6 महीने बाद भी पैंशन न लगने के मामले में डीसी सिरमौर राम कुमार गौतम ने संज्ञान लेते हुए जल्द समस्या के समाधान के निर्देश लोक निर्माण विभाग को जारी किए हैं। पंजाब केसरी की खबर पर जिला प्रशासन ने जब इंद्र बहादुर के पैंशन संबंधी मामले को लेकर जवाब मांगा तो विभागीय अधिकारी ने डीसी सिरमौर को अवगत करवाया कि पैंशन संबंधी फाइल में पिता का नाम गलत लिखा गया था, जिसे दुरुस्त कर एजी कार्यालय शिमला को दोबारा भेज दिया गया है। वहीं कैंसर रोग से पीड़ित चल रहे सेवानिवृत्त बेलदार इंद्र बहादुर का आरोप है कि उनकी फाइल को देरी से भेजा गया है, इसी कारण उनकी अब तक पैंशन नहीं लग पाई है, ऐसे में लोक निर्माण विभाग और विभाग में 27 साल सेवा देने वाले बेलदार आमने-सामने दिख रहे हैं।

31 अगस्त, 2022 को सेवानिवृत्त हुए थे इंद्र बहादूर
बता दें कि इंद्र बहादुर निवासी भाटांवाली पांवटा साहिब में लोक निर्माण विभाग के सब डिवीजन नंबर-1 में कार्यरत थे, जो 27 साल की नौकरी के बाद 31 अगस्त, 2022 को सेवानिवृत्त हो गए थे। नियमों के मुताबिक किसी भी कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने से पहले ही संबंधित कार्यालय की ओर से पैंशन लगाने के लिए फाइल एजी कार्यालय शिमला को भेजनी होती है लेकिन इंद्र बहादुर के मामले में ऐसा नहीं हुआ। आरोप है कि लोक निर्माण विभाग मंडल पांवटा साहिब कार्यालय से फाइल देरी से भेजी गई है।

विभाग ने पहले क्यों नहीं जांचे दस्तावेज
इंद्र बहादुर की मानें तो उन्होंने सेवानिवृत्ति से 3 महीने पहले ही पैंशन संबंधी सभी दस्तावेजों को विभाग के पास जमा करवा दिया था। अब जब जिला प्रशासन ने जवाब मांगा तो अवगत करवाया गया कि फाइल में पिता का नाम गलत था, जिसे दुरुस्त कर दोबारा भेजा गया है। इंद्र बहादुर ने सवाल उठाते हुए कहा कि विभाग ने उस वक्त दस्तावेजों की सही तरीके से जांच क्यों नहीं की, जब उन्हें यह पहले ही जमा करवा दिए गए थे।

21 दिसम्बर को भेजी 31 अगस्त से पहले भेजने वाली फाइल : इंद्र बहादुर
इंद्र बहादुर का कहना है कि फाइल को 31 अगस्त से पहले भेजा जाना चाहिए था लेकिन उनकी फाइल को 21 दिसम्बर, 2022 को पांवटा साहिब कार्यालय से एजी कार्यालय शिमला डाक के माध्यम से भेजा गया। उन्होंने बताया कि उन्होंने सेवानिवृत्ति से 3 महीने पहले ही पैंशन संबंधी सभी दस्तावेज स्थानीय कार्यालय में जमा करवा दिए थे, बावजूद इसके समय पर फाइल नहीं भेजी गई। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से जल्द समस्या के समाधान की मांग की है।

पति-पत्नी दोनों कैंसर से पीड़ित, इलाज में हो रही मुश्किल
इंद्र बहादुर व उनकी धर्मपत्नी दोनों ही कैंसर रोग से पीड़ित हैं। पत्नी पहले से ही कैंसर रोग से पीड़ित थी जबकि करीब 6 महीने पहले इंद्र बहादुर भी इसी रोग से पीड़ित हो गए। अब दोनों का उपचार आईजीएमसी शिमला से चल रहा है। 27 साल जिस विभाग में इंद्र बहादुर ने सेवाएं दीं, बुढ़ापे में अब उसी विभाग के उसे चक्कर काटने को मजबूर होना पड़ रहा है। पैंशन न लगने से आर्थिक परेशानी तो उठानी ही पड़ रही है, बल्कि इलाज में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इंद्र बहादुर ओल्ड पैंशन स्कीम के अंतर्गत आते हैं।

जल्द समाधान करने के दिए हैं निर्देश : डीसी
डीसी सिरमौर राम कुमार गौतम के समक्ष जब यह मामला रखा गया तो उन्होंने इस मामले में लोक निर्माण विभाग के अधिकारी से जवाब मांगा। उन्होंने बताया कि विभागीय अधिकारी ने अवगत करवाया है कि फाइल में पिता के नाम को गलत लिखा गया था, जिसे दुरुस्त कर दोबारा फाइल शिमला भेज दी गई है। उन्होंने बताया कि विभागीय अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि वह देखें कि मामला कहां लटका हुआ है और जल्द सेवानिवृत्त कर्मी की पैंशन संबंधी समस्या का समाधान करवाएं।

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