Edited By Vijay, Updated: 02 Feb, 2019 11:05 PM
हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद के अंतिम उपन्यास गोदान का वैसे तो पहले भी कई मर्तबा गेयटी में मंचन हुआ है लेकिन शनिवार को द बिगनर्स संस्था ने गऊ दोष नाटक का मंचन बिल्कुल अलग तरीके से किया। नाटक गऊ दोष के माध्यम से गोदान की कहानी को...
शिमला (राजीव): हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद के अंतिम उपन्यास गोदान का वैसे तो पहले भी कई मर्तबा गेयटी में मंचन हुआ है लेकिन शनिवार को द बिगनर्स संस्था ने गऊ दोष नाटक का मंचन बिल्कुल अलग तरीके से किया। नाटक गऊ दोष के माध्यम से गोदान की कहानी को पहाड़ी रूप के साथ दिखाया गया, जिसे उपस्थित दर्शकों ने खूब सराहा। गऊ दोष नाटक में प्रदेश के किसान के पुराने जीवन की एक जीवंत तस्वीर, उसकी आकांक्षा, निराशा, स्वार्थ तथा उसकी असहायता और लापरवाही के बारे में दर्शाया गया। नाटक में ग्रामीण जीवन के उस दौर के बारे बताया गया है, जिस समय पहाड़ों में सड़क और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं से भी ग्रामवासी अनभिज्ञ थे।
गेयटी थिएटर में आयोजित नाटक में शिमला, रोहड़ू, बिलासपुर, कुल्लू, करसोग और सिरमौर के कलाकारों ने अभिनय किया। गऊ दोष नाटक का रूपांतरण और निर्देशन जिला सिरमौर के युवा निर्देशक कपिल देव शर्मा द्वारा किया गया है। कपिल देव शर्मा ने बताया कि नाटक गऊ दोष प्रसिद्ध साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद के उपन्यास गोदान पर आधारित है। कपिल देव शर्मा ने बताया कि उन्होंने एन.एस.डी. की वर्कशॉप सहित लगभग 15 नाटकों, 20 एकांकियों और 300 से अधिक नुक्कड़ नाटकों में अभिनय किया है।