युवती से दुष्कर्म के दोषी को 10 साल कैद, 2.05 लाख का जुर्माना

Edited By Vijay, Updated: 02 Nov, 2019 10:35 PM

court gave punishment to accused of rape

खुद को दिल्ली पुलिस में एसआई के पद पर तैनात होने के बहाने कॉलेज में पढ़ने वाली युवती से दोस्ती कर नशीले पदार्थ पिलाकर उससे दुष्कर्म करने व अश्लील वीडियो वायरल करने के दोषी को न्यायालय ने 10 साल कैद व 2 लाख 5 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।

धर्मशाला (जिनेश): खुद को दिल्ली पुलिस में एसआई के पद पर तैनात होने के बहाने कॉलेज में पढ़ने वाली युवती से दोस्ती कर नशीले पदार्थ पिलाकर उससे दुष्कर्म करने व अश्लील वीडियो वायरल करने के दोषी को न्यायालय ने 10 साल कैद व 2 लाख 5 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जिला न्यायवादी राजेश वर्मा ने बताया कि पीड़ित युवती ने 24 नवम्बर 2016 को पालमपुर थाना में शिकायत दर्ज करवाई थी। युवती ने अपनी शिकायत में कहा था कि वह पालमपुर के पास एक कॉलेज में प्रथम वर्ष की छात्रा है। जब भी वे सुबह कॉलेज जाती तो जयसिंहपुर काएक व्यक्ति उसका पीछा करता था। इसके बाद उसने उसकी सहेली के माध्यम से उससे बात की।

होटल में ले जाकर पानी में पिला दी बेहोशी की दवा

उक्त व्यक्ति ने बताया कि वह दिल्ली पुलिस में एसआई के पद पर तैनात है और पिछले कुछ समय से वह छुट्टी आया है, जिसके बाद दोनों की दोस्ती हो गई। एक दिन उस व्यक्ति ने उसे फ ोन किया और पालमपुर आने को कहा। जब युवती पालमपुर पहुंची तो उक्त व्यक्ति ने कहा कि वे उसके साथ अपने जीवन के बारे में बहुत महत्वपूर्ण बात करना चाहता है और उसे शहर के एक होटल में ले गया। होटल में पहुंचकर व्यक्ति ने उसे पानी में कुछ मिलाकर पिला दिया, जिससे युवती बेहोश हो गई।

बेहोशी की हालत में किया दुष्कर्म, बनाई वीडियो

बेहोशी की हालत में व्यक्ति ने युवती के साथ दुष्कर्म किया और उसकी वीडियो भी बनाई। वीडियो बनाने के बाद वह व्यक्ति उसे ब्लैकमेल करने लगा कि अगर उसने 20 हजार रुपए नहीं दिए तो वे वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर देगा। पैसे न देने पर उसने वीडियो वायरल कर दी। पीड़िता की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि दिल्ली पुलिस में एसआई होने की बात उसने झूठ बताई थी।

न्यायालय में पेश किए 17 गवाह

पुलिस जांच के बाद अतिरिक्त सत्र एवं अतिरिक्त जिला न्यायाधीश-3 रणजीत सिंह ठाकुर की अदालत में पहुंचे मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से केस की पैरवी जिला उप न्यायवादी एनएल शर्मा ने की। अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में कुल 17 गवाह पेश किए गए। गवाहों के बयानों के आधार पर न्यायाधीश रणजीत सिंह ठाकुर ने दोषी आशीष को 10 साल सश्रम कारावास व 2 लाख 5 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने पर दोषी को 2 साल अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।

 

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