Edited By Updated: 15 Apr, 2017 03:03 PM
बिलासपुर जिला के ''जेठा तीर्थ'' के नाम से मशहूर....
बिलासपुर: बिलासपुर जिला के 'जेठा तीर्थ' के नाम से मशहूर मार्कंडेय ऋषि मंदिर का हिमाचल सरकार अधिग्रहण कर सकती है। इसके लिए अंदरखाते कवायद शुरू हो गई है। इस ऐतिहासिक मंदिर का अधिग्रहण होने के बाद यहां श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। हालांकि इससे पहले भी इसका अधिग्रहण हुआ था लेकिन वर्ष, 2009 में तत्कालीन सरकार ने इसे डीनोटिफाइड कर दिया था, जिसके बाद इसका सारा कामकाज मंदिर कमेटी ही देख रही है।
विवादों में रहा मंदिर
बताया जाता है कि इस बारे में माननीय उच्च न्यायालय ने सरकार को कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यहां एक सन्यासी का निजी मंदिर भी है। इस सन्यासी ने अपने मंदिर के बाहर कुछ आपत्तिजनक शब्द लिखे थे। ‘मंदिर में शूद्रों का प्रवेश निषेध है’ ऐसे शब्दों से काफी हो हल्ला मचा था तथा मामला हिमाचल उच्च न्यायालय में गया था। इस मामले में मंदिर के बाबा को कई बार जेल की हवा भी खानी पड़ी थी।
हर साल लगता है मेला
यहां बंदला पहाड़ी की दूसरी तरफ इस मंदिर में महर्षि मार्कंडेय ने तपस्या की थी। लोक मान्यता के अनुसार देश के चारों तीर्थों के दर्शन करने के बाद इस मंदिर के दर्शन न करने पर श्रद्धालुओं को इसका पुण्य नहीं मिलता है, जिस कारण जिला के लोग चारों धामों की यात्रा करने के बाद यहां आते हैं। यहां हर साल बैसाखी पर 3 दिन का मेला लगता है। यहां पर उत्तरी भारत से श्रद्धालु स्नान करने के लिए आते हैं। मंदिर में महर्षि मार्कंडेय की काले पत्थर की मूर्ति है। इस मूर्ति के नीचे से प्राचीन काल से शीतल जल की धारा बहती है। मंदिर के पास ही एक अन्य चश्मा भी है, जहां पर स्नान करने से चर्म रोग ठीक होते हैं।