Edited By Jyoti M, Updated: 02 Mar, 2025 03:02 PM
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बारिश के कारण प्राकृतिक पेयजल स्त्रोतों व सरकारी पेयजल आपूर्ति का पानी अशुद्ध हो जाता है और ऐसे में जलजनित रोग उत्पन्न होने का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि जल शक्ति विभाग पानी को शुद्ध करने का पूरा प्रयास करता है परंतु पेयजल आपूर्ति की पाइपें कई ऐसे...
नादौन, (जैन): बारिश के कारण प्राकृतिक पेयजल स्त्रोतों व सरकारी पेयजल आपूर्ति का पानी अशुद्ध हो जाता है और ऐसे में जलजनित रोग उत्पन्न होने का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि जल शक्ति विभाग पानी को शुद्ध करने का पूरा प्रयास करता है परंतु पेयजल आपूर्ति की पाइपें कई ऐसे स्थानों से होकर गुजरती हैं जहां पेयजल भंडारण टैंकों से छोड़ा गया शुद्ध पानी लोगों के नलों तक पहुंचते पहुंचते अशुद्ध हो जाता है।
जल शक्ति विभाग के एस.डी.ओ. अमित चौधरी ने बताया कि विभाग अपने पेयजल भंडारण टैंकों की साफ-सफाई रखता है और पानी को शुद्ध करने के लिए फिल्टर बैड व क्लोरीन का भी प्रयोग करता है। उन्होंने उपभोक्ताओं को सलाह देते हुए कहा कि वह अपने स्तर पर भी पानी को शुद्ध करने का उपाय करें। उन्होंने बताया कि विभाग ने पीलिया से बचाव के लिए उपाय करने शुरू कर दिए हैं तथा इसके लिए विभाग अपनी सारी पेयजल पाइपों की स्थिति का जायजा ले रहा है।
उन्होंने बताया कि विभाग के कर्मचारियों द्वारा सभी स्कीमों के अंतर्गत पेयजल भंडारण टैंकों की साप्ताहिक सफाई की जा रही है। उन्होंने उपभोक्ताओं को निर्देश दिए हैं कि घरों को जाने वाले पेयजल कनैक्शनों की पाइपें अगर गंदगी से गुजर रही हैं तो उन्हें वहां से जल्द से जल्द हटाकर साफ जगह पर स्थापित किया जाए अन्यथा विभाग बिना सूचना दिए पानी के कनैक्शन बंद कर देगा।
चौधरी ने कहा कि विभाग शुद्ध पेयजल उपभोक्ताओं तक पहुंचाने का प्रयास कर रहा है, परंतु लोग जब तक स्वच्छता के प्रति जागरूक नहीं होंगे, तब तक उनके प्रयास पूरी तरह से सफल नहीं होंगे। गौरतलब है कि लोग लापरवाहीपूर्वक घरों का गंदा पानी ऐसी जगहों पर छोड़ देते हैं, जहां से पेयजल पाइपें गुजरती हैं। ऐसे में पाइप में जा रहे पानी के प्रदूषित होने की आशंका बनी रहती है, जिससे कि ढेरों बीमारियां फैल सकती हैं। विशेषकर पीलिया जैसी बीमारी प्रदूषित जल के कारण ही होती है