Edited By Vijay, Updated: 15 Oct, 2022 09:34 PM

कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा ने केंद्र की भाजपा सरकार पर हाटी के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया तथा कहा कि हाटी को जनजातीय का दर्जा देने के नाम पर भाजपा दो समुदायों को लड़ाने व उनके बीच जहर घोलने का प्रयास कर रही है, जो...
शिमला (भूपिन्द्र): कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा ने केंद्र की भाजपा सरकार पर हाटी के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया तथा कहा कि हाटी को जनजातीय का दर्जा देने के नाम पर भाजपा दो समुदायों को लड़ाने व उनके बीच जहर घोलने का प्रयास कर रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने सवाल किया कि यदि सरकार की मंशा हाटी को जनजातीय का दर्जा देने की है तो केंद्र संसद का सत्र बुलाकर इसे कानून का रूप क्यों नहीं दिया तथा क्यों इसके लिए 5 साल का इंतजार करना पड़ा। अलका लांबा शिमला में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहीं थी। केंद्रीय मंत्री अमित शाह के सिरमौर दौरे पर तंज कसते हुए अलका लांबा ने कहा कि आदर्श आचार संहिता लगने के बाद भी केंद्रीय मंत्री हाटी समुदाय को गुमराह करने के लिए सिरमौर जिला आए। यदि केंद्र सरकार की मंशा हाटी समुदाय को जनजातीय का दर्जा देने की होती तो मंत्रिमंडल की बैठक से बहुत पहले इसकी घोषणा हो चुकी होती तथा संसद से भी इससे संबेधित कानून को पारित किया जा चुका होता। उन्होंने तंज कसा कि केंद्र का हाटी को जनजातीय का दर्जा देने की बात नोटबंदी व बैंक खाते में 15-15 लाख आने की तरह यह भी जुमले से कुछ अधिक नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी चुनावों के लिए पूरी तरह से तैयार है।
आचार संहिता लगने से सरकारी खजाने की लूट पर लगेगा अंकुश
अलका लांबा ने कहा कि प्रदेश में आचार संहिता लगने से सरकारी खजाने की लूट पर अंकुश लगेगा। कांग्रेस प्रवक्ता ने आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र सरकार सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग कर सकती है। साथ ही भाजपा हिमाचल में निष्पक्ष चुनाव प्रकिया को बाधित करने के लिए ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग कर सकती है। उन्होने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि निष्पक्षता से चुनाव करवाने की जि मेदारी को निहारें एवं ईडी, सीबीआई के हस्तक्षेप को रोके।
हिमाचल के साथ क्यों घोषित नहीं हुए गुजरात के चुनाव
एआईसीसी प्रवक्ता ने सवाल किया कि चुनाव आयोग ने हिमाचल के साथ-साथ गुजरात के चुनाव भी घोषित क्यों नहीं किए जबकि दोनों ही राज्यों के चुनाव परिणाम एक साथ आने हैं। उन्होंने मतदान के 26 दिन बाद चुनाव परिणाम घोषित करने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया तथा कहा कि जब प्रदेश में 12 नवंबर को एक साथ सभी 68 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं तो परिणाम 26 दिन बाद 8 दिसंबर को आएंगे, जो चिंता का विषय है, जबकि 3-4 दिन में चुनावों के परिणाम आने चाहिए।
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