Edited By Ekta, Updated: 15 Aug, 2019 10:05 AM
वर्ष 2018 के दौरान आपदा प्रबंधन को लेकर बेहतर कार्य करने के लिए जिला कुल्लू और लाहौल-स्पीति आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को संयुक्तरूप से राज्य स्तरीय सर्विस पुरस्कार दिया जाएगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर शिमला में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय स्वतंत्रता...
शिमला (राक्टा): वर्ष 2018 के दौरान आपदा प्रबंधन को लेकर बेहतर कार्य करने के लिए जिला कुल्लू और लाहौल-स्पीति आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को संयुक्तरूप से राज्य स्तरीय सर्विस पुरस्कार दिया जाएगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर शिमला में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर यह सम्मान प्रदान करेंगे। तत्कालीन डी.सी. कुल्लू यूनुस खान व डी.सी. लाहौल-स्पीति अश्वनी चौधरी के नेतृत्व में किए गए बेहतर कार्यों के लिए यह पुरस्कार दिया जाएगा। उनके कार्यकाल में 23 व 24 सितम्बर, 2018 को भारी हिमपात और वर्षा के चलते आई प्राकृतिक आपदा के दौरान सैंकड़ों लोगों को सुरक्षित निकाला गया था।
इस दौरान राहत व बचाव कार्य के लिए दोनों जिलों की प्रशंसा की गई थी, जिसके चलते यह सम्मान प्रदान किया जा रहा है। इस मौके पर कुल्लू व लाहौल-स्पीति के तत्कालीन डी.सी. यूनुस खान व अश्वनी चौधरी को भी मौजूद रहने का न्यौता सरकार ने दिया है। विशेष है कि बीते वर्ष सितम्बर माह में कुल्लू व लाहौल-स्पीति जिला में भारी हिमपात हुआ था। इसके चलते जगह-जगह सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गए थे। भूस्खलन से कृषि और बागवानी को भी भारी नुक्सान हुआ था। इस आपदा से लगभग 4 लाख लोग प्रभावित हुए थे। इसके साथ ही रोहतांग सुरंग के माध्यम से 3669 लोगों को सुरक्षित निकाला गया था, जिसमें 207 विदेशी पर्यटक थे।
यूनुस बारे कुछ खास
- युवा, आई.ए.एस. अधिकारी यूनुस हमेशा समाज के असहाय और जरूरतमंद लोगों के साथ खड़े नजर आते हैं। सैनिकों के प्रति अथाह श्रद्धा रखने वाले यूनुस जब भी समय मिलता है, उनके पास पहुंच जाते हैं। संजीदगी इतनी कि जब भी उन्हें लगता है कि किसी को सहायता की आवश्यकता है तो वह बिना बुलाए ही वहां पहुंच जाते हैं। ऊना और कुल्लू में बतौर जिलाधीश यूनुस ने लीक से हटकर कई कार्यक्रमों का आगाज किया। प्रदेश में अलग पहचान रखने वाले युवा आई.ए.एस. अधिकारी यूनुस राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत हैं।
- जम्मू-कश्मीर के पूंछ में जब पंजाब के तरनतारन के जवान परमजीत सिंह शहीद हुए तो यूनुस इससे बेहद द्रवित हो गए। उन्होंने शहीद परमजीत सिंह की बेटी को गोद लेने का फैसला लिया। अपनी पत्नी अंजुम आरा के साथ आई.ए.एस. अधिकारी यूनुस तरनतारन पहुंच गए और उनकी बेटी खुशदीप के पालन-पोषण की जिम्मेदारी संभाल ली। अब इस परिवार से यूनुस दंपति का स्थायी नाता जुड़ चुका है। खुशदीप की न केवल वह परवरिश करते हैं बल्कि उसकी शिक्षा-दीक्षा की जिम्मेदारी भी इसी आई.ए.एस. अधिकारी के पास है।
- चाहे सियाचिन का बेहद दुर्गम क्षेत्र हो या फिर राजस्थान में तपती हुई रेत पर कार्यरत भारतीय सेना के जवान तैनात हों, आई.ए.एस. अधिकारी यूनुस दोनों ही स्थानों पर पहुंचने वाले और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में देश सेवा करने वाले सैनिकों के साथ कई दिन व्यतीत करने वाले पहले युवा आई.ए.एस. अधिकारी हैं।
- ऊना में जिलाधीश से कहिए जैसा यूनिक कार्यक्रम चलाने वाले यूनुस ने कुल्लू में ग्रीन एवं क्लीन दीवाली का आयोजन कर रिकार्ड बनाया था। ब्यास नदी के तट और ढालपुर मैदान में दीपावली पर असंख्य मिट्टी के दीपक जलाकर एक नई शुरूआत भी की थी।
- युवा आई.ए.एस. अधिकारी यूनुस देश के 22 हजार शहीद सैनिकों के परिवारों को सैल्यूट पत्र भेजने वाले एकमात्र अधिकारी के रूप में भी पहचाने जाते हैं। अपने हाथों से लिखे 22 हजार सैल्यूट पत्र उन्होंने शहीद सैनिकों के परिवारों को भेजकर उनके देश सेवा के अद्भुत योगदान को सैल्यूट कर उसे अमूल्य करार दिया था।
संयुक्त रूप से दिया जा रहा पुरस्कार
बीते वर्ष सितम्बर माह में कुल्लू और लाहौल-स्पीति में बर्फबारी और वर्षों से खासी तबाही हुई थी। बचाव अभियान के दौरान 4 हजार फूड पैकेट तथा 60 मैडीसन पैकेट भी विभिन्न स्थानों पर गिराए गए। इसके अलावा कुल्लू में प्रभावित लोगों के लिए 3 स्थानों पर राहत शिविर भी लगाए गए। आपदा के समय किए गए ऐसे में बेहतर कार्य के लिए दोनों जिलों के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को संयुक्त रूप से यह पुरस्कार दिया जा रहा है। वहन कर रहे है। युनूस खान सियाचनी में सैनिकों के साथ भी कुछ दिनों तक रह चुके है।