Edited By Rahul Rana, Updated: 24 Jul, 2024 10:34 AM
कल केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट-2024 प्रस्तुत किया गया था। जिसके बाद देश में कई बदलाव किए गए। पेश हुए बजट के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस पर नाराज़गी जताई है और बजट को असमानतापूर्ण बजट करार दिया है।
हिमाचल। कल केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट-2024 प्रस्तुत किया गया था। जिसके बाद देश में कई बदलाव किए गए। पेश हुए बजट के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस पर नाराज़गी जताई है और बजट को असमानतापूर्ण बजट करार दिया है। सीएम ने कहा कि केन्द्रीय बजट में हिमाचल प्रदेश को कुछ नहीं मिला है। केंद्र सरकार ने हिमाचल की जनता के साथ सौतेला व्यवहार किया है।
उन्होंने कहा कि आपदा के बाद हिमाचल को PDNA के तहत 9 हजार करोड़ रुपये मिलने चाहिए थे लेकिन वो भी नहीं दिए गए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट एक बार फिर देश के ज्वलंत मुद्दों, विशेषकर बेरोजगारी, गरीबी और बढ़ती कीमतों को संबोधित करने में विफल रहा है। सीएम ने कहा कि राज्यों को ब्याज मुक्त ऋण के लिए मौजूदा आवंटन 1.3 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख करोड़ रुपये करना एक स्वागत योग्य घोषणा है लेकिन लागत अक्षमताओं के कारण इसके साथ जुड़ी कठिन शर्तें हिमाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्यों के पक्ष में नहीं हैं।
'सेब उत्पादक को नहीं मिली राहत'
सीएम ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले सेब उत्पादक गंभीर वित्तीय बाधाओं का सामना कर रहे हैं। बजट में उनके संघर्षों को कम करने या सेब पर आयात शुल्क कम करने के लिए कोई उपाय नहीं किया गया है, जो हिमाचल के सेब उत्पादकों को जरूरी राहत प्रदान कर सकता था।
'मध्यम वर्ग के करदाताओं में निराशा'
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी मुआवजे की समाप्ति ने हिमाचल को एक अनिश्चित वित्तीय स्थिति में डाल दिया है। इस नुकसान को कम करने और राज्य की राजकोषीय स्थिरता का समर्थन करने के लिए बिहार और आंध्र प्रदेश की तर्ज पर एक विशेष वित्तीय पैकेज की तत्काल आवश्यकता है। बजट में इस तरह के पैकेज का अभाव एक महत्वपूर्ण झटका है।
'अमीरों को प्राथमिकता देता है बजट'
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश कई अन्य राज्यों की तरह एक ऐसे बजट के परिणामों से जूझ रहा है जो आम लोगों की तुलना में अमीरों को प्राथमिकता देता है।