Edited By Ekta, Updated: 18 Sep, 2019 09:33 AM
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पी.एम.के.एस.वाई.) के तहत हिमाचल का 52.77 करोड़ का एक्शन प्लान मंजूर कर लिया है। प्लान अप्रूव करने के बाद केंद्र ने कृषि व बागवानी महकमे के लिए 20 करोड़ की पहली किस्त जारी कर दी है। इसमें 16 करोड़ रुपए...
शिमला (देवेंद्र हेटा): केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पी.एम.के.एस.वाई.) के तहत हिमाचल का 52.77 करोड़ का एक्शन प्लान मंजूर कर लिया है। प्लान अप्रूव करने के बाद केंद्र ने कृषि व बागवानी महकमे के लिए 20 करोड़ की पहली किस्त जारी कर दी है। इसमें 16 करोड़ रुपए बागवानी विभाग और 4 करोड़ रुपए कृषि महकमे को दिए गए हैं। पहली किस्त में मिले बजट खर्च का यूटिलाइजेशन सर्टीफिकेट (यू.सी.) देने के बाद केंद्र सरकार दूसरी किस्त जारी करेगी। बागवानी महकमा 16 करोड़ रुपए से ड्रिप ईरिगेशन व स्प्रिक्लर लगाकर सिंचाई की सुविधा जुटाएगा, जबकि कृषि विभाग 4 करोड़़ की लागत से वाटर स्टोरेज स्ट्रक्चर बनाएगा।
केंद्र ने पी.एम. के.एस.वाई. पर क्राप पर ड्राप के तहत 12.43 करोड़ रुपए दिए किए हैं जबकि 4.06 करोड़ स्पैशल कंपोनैंट तथा 1.09 करोड़ रुपए ट्राइबल एरिया सब प्लान के तहत दिए हैं। केंद्र ने इस बजट को तय सीमा के भीतरमापदंडों के हिसाब से खर्च करने के निर्देश दिए हैं, साथ ही खर्च की गई राशि का ऑडिट करवाने को कहा है। गौर रहे कि पी.एम.के.एस.वाई. केंद्र प्रायोजित योजना है। मोदी सरकार ने मोर क्रॉप मोर ड्रॉप का नारा देते हुए साल 2016 में इसे शुरू किया है। इस स्कीम में केंद्र ने कृषि, बागवानी, आई.पी.एच. तथा ग्रामीण विकास विभाग की सभी सिंचाई योजनाओं का कनवरजैंस किया था। यानी सिंचाई की विभिन्न विभागों की योजनाएं खत्म करके पी.एम.के.एस.वाई. के तहत ही बजट देने का प्रावधान किया गया।
इस योजना के तहत 90:10 के अनुपात में बजट देने का प्रावधान है। मौजूदा वित्त वर्ष के लिए स्टेट लेवल सैंक्शनिंग कमेटी (एस.एल.एस.सी.) ने 704.40 करोड़ रुपए का प्लान मंजूर करके केंद्र को वित्त पोषण के लिए भेज रखा है। इसी प्लान में से केंद्र ने प्रथम किस्त कृषि व बागवानी विभाग को जारी की है। इसी तरह आई.पी.एच. को ‘हर खेत को पानी’ स्कीम के तहत तकरीबन 2 महीने पहले ही तकरीबन 130 करोड़ की ग्रांट मिल चुकी है। आई.पी.एच. का दावा है कि पहली किस्त का अधिकतर बजट खर्च कर लिया गया है। जल्द ही पहली किस्त का यूटिलाइजेशन सर्र्टीफिकेट केंद्र को भेजा जाएगा ताकि दूसरी किस्त को मंजूर करवाया जा सके।