घर में बनाई जा रही शराब के बढ़ने लगे मामले, जानिए वजह

Edited By Vijay, Updated: 08 Apr, 2024 10:37 PM

cases of homemade liquor increasing

पहली अप्रैल से जहां प्रदेश में नई आबकारी नीति लागू हो चुकी है और अब एमआरपी की बजाय एमएसपी पर शराब बिक रही है, वहीं शराब के शौकीनों की जेबें ढीली होने के साथ-साथ अब शराब तस्करी और घरेलू स्तर पर बनाई जाने वाली शराब के मामलों में भी इजाफा होने लगा है।...

शिमला (संतोष): पहली अप्रैल से जहां प्रदेश में नई आबकारी नीति लागू हो चुकी है और अब एमआरपी की बजाय एमएसपी पर शराब बिक रही है, वहीं शराब के शौकीनों की जेबें ढीली होने के साथ-साथ अब शराब तस्करी और घरेलू स्तर पर बनाई जाने वाली शराब के मामलों में भी इजाफा होने लगा है। महंगे दामों पर बिकने वाली शराब से पड़ोसी राज्यों से शराब तस्करी और घरों पर ही शराब लगाने के मामले बढ़ गए हैं। लोग अब अपने घरों के आसपास ही अपने घर की निकाली शराब को तवज्जो देने में जुट गए हैं। प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद ही राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने अब तक 2,40,438 लीटर शराब को जब्त किया है जबकि बिलासपुर, नूरपुर, कांगड़ा, सिरमौर, मंडी, ऊना, चम्बा और कुल्लू में 52,440 लीटर लाहन बरामद की गई है। ऐसे में महंगी शराब के चलते न केवल अवैध शराब के मामले बढ़ गए हैं, वहीं घरेलू स्तर पर बनाई जाने वाली शराब के मामलों में भी बढ़ौतरी हुई है।

ठेकों पर अलग-अलग दाम पर बिक रही है शराब
प्रदेश में सरकार ने जहां नई आबकारी नीति को लागू कर दिया है, वहीं सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ की तर्ज पर बिक्री करने का फैसला लिया है। ऐसे में राज्यों में शराब ठेकों में अब अलग-अलग दाम पर शराब बिक रही है। अब बोतल पर एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) की जगह एमएसपी (न्यूनतम विक्रय मूल्य) लिखा गया है। कारोबारी को बिक्री के लिए उच्चतम कोई भी दाम नहीं दिया है जिससे कारोबारी अपना लाभांश स्वयं तय कर रहा है। पड़ोसी राज्यों के मुकाबले और अवैध शराब की निगरानी के लिए सरकार ने आबकारी नीति में यह बदलाव करते हुए इस नई व्यवस्था को पहली अप्रैल से लागू किया है। विभाग के मुताबिक नए प्रावधान से इस वर्ष करीब 2,800 करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा है, जबकि वर्ष 2023-24 के दौरान सरकार को 2,600 करोड़ का राजस्व हासिल हुआ था।

प्रदेश में 59 टीमें कर रही हैं काम : डाॅ. यूनुस
राज्य कर एवं आबकारी आयुक्त डा. यूनुस ने कहा कि विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों में टास्क फोर्स और उड़नदस्तों का गठन किया है। राज्य भर में विभाग की 59 टीमें काम कर रही हैं। विभाग की विभिन्न टीमों ने सीमावर्ती क्षेत्रों व प्रदेश के भीतर अवैध शराब का कारोबार करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की है। पड़ोसी राज्यों के नोडल अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्रवाई की जा रही है। विभाग की टास्क फोर्स विभिन्न सूत्रों से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर सीमावर्ती इलाकों व अवैध शराब के भंडारण में संलिप्त लोगों की निगरानी कर कार्रवाई कर रही है।
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