Edited By kirti, Updated: 12 Feb, 2019 12:45 PM
प्रदेश के सबसे पुराने औद्योगिक क्षेत्र परवाणु में यूनियन विवाद की आग फिर भड़क गई है। यूनियन पर कब्जे को लेकर दो गुटों के बीच चल रहा खूनी संघर्ष प्रदेश में औद्योगिक निवेश में भी रोड़ा बन सकता है। प्रदेश सरकार औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने के लिए...
सोलन(नरेश) : प्रदेश के सबसे पुराने औद्योगिक क्षेत्र परवाणु में यूनियन विवाद की आग फिर भड़क गई है। यूनियन पर कब्जे को लेकर दो गुटों के बीच चल रहा खूनी संघर्ष प्रदेश में औद्योगिक निवेश में भी रोड़ा बन सकता है। प्रदेश सरकार औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने के लिए दूसरे राज्यों में रोड़ शो कर रही है और प्रदेश में स्थापित उद्योग यूनियन विवाद से तंग आकर पलायन करने की तैयारी में है। परवाणु में पिछले 8 महीने से चल रहे इस विवाद के कारण कई उद्योगों ने पलायन करने का मन बना लिया है। हैरानी की बात यह है कि प्रदेश सरकार व प्रशासन पिछले 8 महीनों में इस विवाद को सुलझाने में नाकाम रही है।
बावा के घर पर हमले के साथ शुरू हुआ यूनियन का विवाद
कैंटर यूनियन पर कब्जे को लेकर विवाद की शुरूआत इंटक अध्यक्ष हरदीप बावा के घर पर हमले से शुरू हुई। 10 जून 2018 की रात को कुछ अज्ञात लोगों ने सैक्टर 4 स्थित उनके घर पर हमला कर दिया। इसमें उनके घर के बाहर खड़ी कई गाडिय़ों को नुक्सान हो गया है।
11 जून को यूनियन पर कब्जे को लेकर दोनों गुटों में संघर्ष
11 जून को कैंटर यूनियन पर कब्जे को लेकर बावा व अमरनाथ गुट के बीच में संघर्ष हुआ। अमरनाथ गुट कैंटर यूनियन के कार्यालय पर कब्जा करने में कामयाब रहा जबकि बावा पिकअप यूनियन पर अमरनाथ गुट द्वारा किए गए कब्जे को छुड़ाने में कामयाब रहा है। इसके कारण प्रदेश के सबसे पुराने औद्योगिक क्षेत्र में कई दिनों तक तनाव बना रहा।
कई दिनों तक बंद रही वाहनों की आवाजाही
कैंटर यूनियन पर कब्जा करने के बाद हरदीप बावा गुट ने अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दी। सभी ट्रक खड़े हो गए । उद्योगों की माल ढुलाई बंद हो गई। दोनों गुट एक-दूसरे के ट्रकों को निशाना बनाने लगे। उद्योगों को करोड़ों रुपए का नुक्सान उठाना पड़ा। बावा गुट ने कसौली रोड पर यूनियन का समानांतर कार्यालय खोल कर अपनी यूनियन के ट्रकों के माध्यम से माल-ढुलाई शुरू कर दी।
27 सितम्बर को हरदीप बावा पर जानलेवा हमला
यूनियन विवाद के चलते इंटक (रेड्डी गुट) के प्रदेश अध्यक्ष व कैंटर यूनियन के अध्यक्ष हरदीप बावा पर 27 सितम्बर को जानलेवा हमला हुआ। यह हमला उस समय हुआ जब हरदीप बावा सैक्टर चार स्थित अपने घर से परवाणु की ओर अपनी गाड़ी में आ रहे थे तो उसी समय करीब दो दर्जन लोगों ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया। इसके बाद परवाणु में जमकर तोड़-फोड़ हुई। परवाणु में कई दिनों तक तनावपूर्ण माहौल रहा।