Edited By Punjab Kesari, Updated: 01 Sep, 2017 12:00 AM
सीमा विवाद पर चीन से तनातनी के बीच हिमाचल प्रदेश के सीमांत इलाकों में सुरक्षा घेरा कड़ा कर दिया गया है।
उदयपुर: सीमा विवाद पर चीन से तनातनी के बीच हिमाचल प्रदेश के सीमांत इलाकों में सुरक्षा घेरा कड़ा कर दिया गया है। बर्फीले रेगिस्तान स्पीति के सीमांत इलाकों में सैन्य ताकत बढ़ाते हुए सुरक्षा बलों की संख्या में बढ़ौतरी किए जाने की पुष्टि हुई है। स्पीति प्रशासन को सीमा पर सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाए जाने की सूचना दी गई है। हिमाचल प्रदेश के ठंडे पठार स्पीति में देश की सीमाएं तिब्बत से सटी हुई हैं। लापचा, कोरिक, विरोग, एम. डोगरी, एस प्वाइंट और कोपी हिल हिमाचल में देश की ऐसी अग्रिम चौकियां हैं जहां देश के प्रहरी चौबीसों घंटे पड़ोसी देश की गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं। इसी बीच सीमा पर ड्रैगन की सेनाओं की गतिविधियां बढऩे की सूचना भी प्रशासन को दी गई है।
तिब्बत के गांवों में सैन्य वाहनों की आवाजाही बढ़ी
चीनी सैनिक इन दिनों पैट्रोलिंग के लिए देश के सीमांत क्षेत्रों के जीरो प्वाइंट पर देखे जा रहे हैं। अग्रिम चौकियों से दिखने वाले तिब्बत के छुरूप और तुनमुर नामक गावों में भी चीन के सैन्य वाहनों की आवाजाही बढ़ी है। बताया गया है कि चीन ने सुरक्षा व्यवस्था का आधारभूत ढांचा सशक्त करते हुए सीमा के नजदीक तिब्बत के छुरूप और तुनमुर गांवों तक सड़कों का निर्माण ही नहीं किया है बल्कि तिब्बत के बर्फीले इलाकों में रेल लाइनों सहित हवाई पट्टियों का विस्तार भी किया है।
डेढ़ माह से बंद पड़ा है हिंदोस्तान-तिब्बत राष्ट्रीय राजमार्ग
देश में हिंदोस्तान-तिब्बत राष्ट्रीय राजमार्ग बीते डेढ़ माह से बंद पड़ा है। ऊपरी किन्नौर के मलिंग नामक स्थान में चल रहे जोरदार भू-स्खलन ने मलिंग में भारी वाहनों की आवाजाही लंबे समय से रोक रखी है। बी.आर.ओ. सड़क बहाली में जुटा है लेकिन दरकती पहाडिय़ों के सामने बी.आर.ओ. भी बेबस नजर आया है, जिससे सीमा तक आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पर विपरीत असर पड़ा है। हालांकि हल्के वाहनों के लिए यातायात बहाल होने की पुष्टि प्रशासनिक अधिकारियों ने की है। इसके लिए गहरी खाई के दोनों सिरों में लोहे के गार्डरों का सहारा लेते हुए भू-स्खलन के खतरे के बीच हल्के वाहन आर-पार हो रहे हैं, वहीं आवश्यक चीजों की आपूर्ति करने वाले सेना के वाहनों को मलिंग के दूसरे छोर पर खाली किया जा रहा है। उसके बाद सभी चीजें हल्के वाहनों के माध्यम से सीमा तक पहुंचाई जा रही हंै, जिससे सैन्य बलों पर भी अतिरिक्त कार्यभार आ पड़ा है।
सेना के साथ स्पीति की जनता पर भी पड़ा विपरीत असर
सीमा को जोडऩे वाले इस एकमात्र सड़क मार्ग के अवरुद्ध होने का विपरीत असर सेना के साथ-साथ सीमावर्ती क्षेत्र स्पीति की जनता पर भी साफ झलक रहा है। अब देश में बेशक लेह तक रेल लाइन बनाने के कयास लगाए जा रहे हैं लेकिन पड़ोसी देश के समानांतर हिमाचल में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने की गरज से प्रस्तावित एक हवाई पट्टी का निर्माण करीब अढ़ाई दशक से खटाई में है। जानकारी मिली है कि स्पीति में हवाई पट्टी का निर्माण अभी तक सर्वेक्षणों की धुंध से बाहर नहीं निकला है।