Edited By Kuldeep, Updated: 14 Feb, 2025 06:14 PM
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एम्स बिलासपुर में पहली बार वीडियो असिस्टेड थोरैसिक (वेटस) सर्जरी के माध्यम से फेफड़े के ट्यूमर की सफल सर्जरी की गई। यह ऑप्रेशन प्रसिद्ध ऑन्को सर्जन डा. चित्रेश शर्मा द्वारा किया गया।
बिलासपुर (बंशीधर): एम्स बिलासपुर में पहली बार वीडियो असिस्टेड थोरैसिक (वेटस) सर्जरी के माध्यम से फेफड़े के ट्यूमर की सफल सर्जरी की गई। यह ऑप्रेशन प्रसिद्ध ऑन्को सर्जन डा. चित्रेश शर्मा द्वारा किया गया। डा. चित्रेश शर्मा न्यूनतम आक्रामक सर्जरी में माहिर माने जाते हैं। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर मानी जा रही है। वेटस एक आधुनिक, न्यूनतम आक्रामक तकनीक है, जिसमें सर्जन छोटे चीरे के माध्यम से फेफड़ों से ट्यूमर निकालते हैं। यह पारंपरिक ओपन सर्जरी की तुलना में कम दर्द, तेज रिकवरी और कम समय अस्पताल में बिताने में लाभ प्रदान करता है। सर्जरी के बाद मरीज की स्थिति स्थिर है और उनकी रिकवरी अच्छी चल रही है।
इस सफल ऑप्रेशन को एम्स बिलासपुर और हिमाचल प्रदेश में चिकित्सा क्षेत्र के लिए एक नई शुरूआत के रूप में देखा जा रहा है। यह न केवल राज्य में चिकित्सा सुविधाओं की बढ़ती क्षमताओं को दर्शाता है, बल्कि डा. चित्रेश शर्मा और उनकी टीम की विशेषज्ञता को भी उजागर करता है, जो जटिल सर्जिकल मामलों को सफलता से हल कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि वेटस के माध्यम से फेफड़े के ट्यूमर की सर्जरी में यह सफलता भविष्य में इस प्रकार के और ऑप्रेशनों का मार्ग प्रशस्त करेगी। इससे मरीजों के लिए नए अवसर और उम्मीदें खुलेंगी।
यह है वीडियो असिस्टेड थोरैसिक सर्जरी
वीडियो असिस्टेड थोरैसिक सर्जरी को हिंदी में थोरैकोस्कोपी सर्जरी कहते हैं। यह एक तरह की कम इन्वेसिव सर्जरी है। इस सर्जरी में छाती के अंदर छोटे कट लगाकर वहां विशेष तरह के सर्जिकल टूल डाले जाते हैं। इस सर्जरी में एक पतली ट्यूब का इस्तेमाल किया जाता है, जिसके अंत में एक छोटा वीडियो कैमरा होता है। इस कैमरे से सर्जन पूरी सर्जरी को एक कनैक्टिड स्क्रीन पर देखता है। वहीं डा. चित्रेश शर्मा ने कहा कि वेटस जैसी आधुनिक सर्जिकल तकनीकों का समावेश मरीजों के परिणामों को बेहतर बनाएगा और हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के स्तर को बढ़ाएगा।