अब आयुर्वेदिक औषधियों की खेती का हब बनेगा प्रदेश, किसान होंगे मालामाल

Edited By kirti, Updated: 12 Oct, 2018 11:36 AM

ayurvedic medicines will now become the hub of farming

प्रदेश में किसानों की औषधीय पौधों से आर्थिकी मजबूत होगी। आयुर्वेद विभाग किसानों के सहयोग से औषधीय पौधों की खेती करेगा। इसके लिए किसानों के समूह बनाए जाएंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि विभाग द्वारा सबसिडी पर किसानों को औषधीय पौधे दिए जाएंगे और तैयार होने...

सोलन : प्रदेश में किसानों की औषधीय पौधों से आर्थिकी मजबूत होगी। आयुर्वेद विभाग किसानों के सहयोग से औषधीय पौधों की खेती करेगा। इसके लिए किसानों के समूह बनाए जाएंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि विभाग द्वारा सबसिडी पर किसानों को औषधीय पौधे दिए जाएंगे और तैयार होने पर बाजार रेट पर खरीदेगा। इन पौधों से ही आयुर्वेद फार्मेसी में दवाइयों का उत्पादन होगा। इससे आयुर्वैदिक दवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।

विभाग की इस योजना के तहत कम से कम 2 हैक्टेयर भूमि पर यह औषधीय पौधों की खेती करना अनिवार्य है। किसान समूह बनाकर यह खेती कर सकते हैं। हालांकि अकेला किसान भी औषधीय पौधों की खेती कर सकता है, लेकिन उसे सबसिडी का लाभ नहीं मिलेगा। अलग-अलग क्षेत्रों में विभिन्न औषधीय पौधों का उत्पादन किया जाएगा। अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अतिश, धूप, गुगल, कुठ और सुगंधवाला इत्यादि औषधीय पौधों का उत्पादन किया जाएगा। 4 से 6 हजार की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में इस मौसम के अनुकूल पौधों का उत्पादन किया जाएगा, जबकि मैदानी क्षेत्रों में सफेद मूसली, अश्वागंधा, एलोवेरा और तुलसी का उत्पादन किया जाएगा। 

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