HPU में शिक्षकों व गैर शिक्षक पदों के लिए आवेदन करना हुआ महंगा

Edited By Simpy Khanna, Updated: 24 Dec, 2019 10:47 AM

applying for teachers and non teacher

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एच.पी.यू.) में शिक्षकों व गैर शिक्षक कर्मचारियों के पदों के लिए आवेदन करना महंगा हो गया है। पदों को भरने के लिए आमंत्रित किए जाने वाले आवेदन में प्रार्थना पत्र शुल्क को बढ़ाने को लेकर सोमवार को आयोजित हुई कार्यकारी परिषद...

शिमला (ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एच.पी.यू.) में शिक्षकों व गैर शिक्षक कर्मचारियों के पदों के लिए आवेदन करना महंगा हो गया है। पदों को भरने के लिए आमंत्रित किए जाने वाले आवेदन में प्रार्थना पत्र शुल्क को बढ़ाने को लेकर सोमवार को आयोजित हुई कार्यकारी परिषद (ई.सी.) की बैठक में स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। इसके साथ ही अब विश्वविद्यालय में भरे जाने वाले शिक्षकों व गैर शिक्षक कर्मचारियों के पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए जाने के बाद आवेदनकत्र्ता को पूर्व की तुलना में अब दोगुना शुल्क देना होगा।

 प्राप्त जानकारी के अनुसार शिक्षकों व प्रशासनिक पदों के लिए आवेदन करने के लिए सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 1 हजार रुपए के बजाय अब 2 हजार रुपए आवेदन शुल्क देना होगा, जबकि आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को अब 500 रुपए के बजाय 1 हजार रुपए शुल्क देना होगा। इसके अलावा गैर शिक्षक कर्मचारियों के पदों के लिए आवेदन करने के लिए सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 600 रुपए के बजाय अब 1200 रुपए शुल्क देना होगा, जबकि आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को अब 300 रुपए के बजाय 600 रुपए आवेदन शुल्क देना होगा।

 इसके साथ ही अब आगामी दिनों में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिक्षकों के पदों को विज्ञापित करेगा। सूचना है कि इसी माह पदों को विज्ञापित कर दिया जाएगा। बताते हैं कि ई.सी. ने शिक्षकों के कुल 356 पदों को भरे जाने को लेकर हरी झंडी प्रदान की है। इसके तहत विश्वविद्यालय में आचार्य/निदेशक/प्राचार्य के 49 पदों के अलावा सह-आचार्य के 93 पद और सहायक आचार्य के 214 पदों को भरा जाएगा। इसके अलावा कर्मचारियों के रिक्त पदों पर करीब 200 जूनियर ऑफिस असिस्टैंट (जे.ओ.ए.) आई.टी., प्रोग्रामर, डाटा एंट्री ऑप्रेटर के पदों को भरा जाना है, जिसको लेकर अभी कुछ औपचारिताएं पूरी करना शेष है। 

औपचारिताएं पूरी करने के बाद गैर शिक्षक कर्मचारियों के पदों को भी विज्ञापित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। ई.सी. की वर्ष 2019 की 5वीं नियमित बैठक में कई अन्य निर्णय लिए गए। बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार ने की। बैठक में विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार घनश्याम चंद, पूर्व प्रो-वाइस चांसलर प्रो. एन.के. शारदा, पूर्व डीन ऑफ स्टडीज प्रो. वी.पी. शर्मा, दंत चिकित्सा महाविद्यालय शिमला के प्राचार्य डा. आशु गुप्ता, उप-सचिव (शिक्षा), अवर-सचिव (वित्त), प्रो. एस.एस. कंवर, अजय श्रीवास्तव, प्रो. रंजना भान व गैर शिक्षक कर्मचारियों के निर्वाचित प्रतिनिधि पे्रम राज उपस्थित थे।

वार्षिक लेखे शीघ्र तैयार करने के निर्देश

ई.सी. ने वर्ष 2015-16 के वाॢषक लेखा को स्वीकृति प्रदान की व कुलपति ने रजिस्ट्रार व वित्त अधिकारी को निर्देश दिए कि वर्ष 2016-17 व 2017-18 के वाॢषक लेखे भी शीघ्र तैयार कर स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किए जाएं। ई.सी. ने हिन्दी विभाग में सहायक आचार्य कुमारी पूनम और यू.आई.आई.टी. में प्रोग्रामर सुनील कुमार को पीएच.डी. करने की अनुमति प्रदान की। ई.सी. ने जीव विज्ञान विभाग में रमेश ठाकुर-फोटोग्राफर व अर्थशास्त्र विभाग में जगत राम-चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को तब तक उनकी सेवाएं जारी रखने की स्वीकृति प्रदान की जब तक नियमित भर्ती नहीं होती।

इसके अलावा ई.सी. ने क्षेत्रीय केेंद्रीय धर्मशाला से अंग्रेजी विभाग की सहायक आचार्य डा. डेजी वर्मा को पी.जी. सैंटर में व राजनीति शास्त्र विभाग सह-आचार्य डा. संजीव कुमार बरागटा को संध्याकालीन अध्ययन विभाग में एक वर्ष के लिए समय व सेवा विस्तार की स्वीकृति प्रदान की। बैठक में 8 सफाई कर्मचारियों के पदनाम को बदलकर चपड़ासी करने की स्वीकृति प्रदान की।

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