Edited By kirti, Updated: 14 Jul, 2019 02:54 PM
मानसून के धीमा पड़ने से सेब उत्पादन पर बुरा असर पड़ सकता है। बरसात में भी कम बारिश के कारण सेब बगीचों में नमी की कमी महसूस हो रही है। इससे सेब के आकार पर असर पड़ रहा है। सेब का आकार छोटा रहने से उत्पादन में गिरावट हो सकती है। खासकर जिन क्षेत्रों के...
शिमला : मानसून के धीमा पड़ने से सेब उत्पादन पर बुरा असर पड़ सकता है। बरसात में भी कम बारिश के कारण सेब बगीचों में नमी की कमी महसूस हो रही है। इससे सेब के आकार पर असर पड़ रहा है। सेब का आकार छोटा रहने से उत्पादन में गिरावट हो सकती है। खासकर जिन क्षेत्रों के बगीचों में सुबह से शाम तक धूप रहती है वहां नमी की ज्यादा कमी महसूस हो रही है। प्रदेश में मानसून ने बीते सप्ताह भले ही दस्तक दे दिया हो लेकिन अब तक ज्यादातर इलाकों में नाममात्र बारिश हुई है।
इस वजह से खासकर कम ऊंचे क्षेत्रों में सेब का आकार चैक हो गया है। बागवानी विभाग ने इस साल 3.70 करोड़ पेटी होने का पूर्व अनुमान लगा रखा है। यदि बरसात में भी बारिश नहीं होती तो 4200 करोड़ के सेब उद्योग को इससे झटका लग सकता है।