Edited By Vijay, Updated: 08 Sep, 2020 07:16 PM
वित्त एवं कार्पोरेट अफेयर्स राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने विश्व साक्षरता दिवस के अवसर पर शिक्षा के व्यापक प्रसार को मिशन बताते हुए हिमाचल प्रदेश को साक्षरता पायदान में चौथे पायदान पर पहुंचने पर इसे प्रदेश के लिए उपलब्धि बताया है व भाजपा सरकार द्वारा...
हमीरपुर (राजीव): वित्त एवं कार्पोरेट अफेयर्स राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने विश्व साक्षरता दिवस के अवसर पर शिक्षा के व्यापक प्रसार को मिशन बताते हुए हिमाचल प्रदेश को साक्षरता पायदान में चौथे पायदान पर पहुंचने पर इसे प्रदेश के लिए उपलब्धि बताया है व भाजपा सरकार द्वारा सर्वजन को शिक्षित करने की प्रतिबद्धता दोहराई है। उन्होंने कहा किसी भी राष्ट्र की उन्नति की सबसे महत्वपूर्ण नींव शिक्षा होती है। शिक्षित व्यक्ति को मौलिक अधिकारों एवं राष्ट्र के प्रति कर्तव्यों का बोध होता है। देश को निरक्षरता के अभिशाप से मुक्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सर्वशिक्षा अभियान जैसा सफल कार्यक्रम अनवरत जारी है।
भाजपा सरकार शिक्षा के व्यापक प्रसार को मिशन मान कर इस दिशा में उत्कृष्ट कार्य कर रही है। 86.6 प्रतिशत साक्षरता के साथ साक्षरता पायदान में हिमाचल प्रदेश का चौथे स्थान पर पहुंचना प्रदेश के लिए उपलब्धि है। इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार बधाई की पात्र है, मगर हमें यहीं नहीं रुकना है बल्कि शिक्षा के अधिकार से कोई भी वंचित न रह जाए, इस दिशा में लगातार प्रयासरत रहने की आवश्यकता है। विश्व साक्षरता दिवस के अवसर पर सर्वजन को शिक्षित करने के लिए भाजपा सरकार प्रतिबद्ध है।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में दशकों से बहुप्रतिक्षित शिक्षा नीति को लाने का भागीरथ कार्य हुआ है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति एनईपी 2020 वर्ष 1968 और वर्ष 1986 के बाद स्वतंत्र भारत की तीसरी शिक्षा नीति होगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में शिक्षा की पहुंच, समानता, गुणवत्ता, वहनीय शिक्षा और उत्तरदायित्व जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिसके अंतर्गत केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से शिक्षा क्षेत्र पर देश की जीडीपी के 6 प्रतिशत हिस्से के बराबर निवेश का लक्ष्य रखा गया है।
इस शिक्षा नीति में छात्रों में रचनात्मक सोच, तार्किक निर्णय और नवाचार की भावना को प्रोत्साहित करने पर बल दिया गया है। 21वीं सदी के भारत से पूरी दुनिया को बहुत अपेक्षाएं हैं। भारत का सामथ्र्य है कि कि वो टैलेंट और टैक्नोलॉजी का समाधान पूरी दुनिया को दे सकता है, हमारी नई शिक्षा नीति में इन बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया गया है।