Edited By Ekta, Updated: 10 Apr, 2019 02:54 PM
हिमाचल की मंडी सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे जयराम सरकार में मंत्री अनिल शर्मा फिर से विवादों में आ गए हैं। उनको लेकर प्रदेश में सियासत गरमाई हुई है। अनिल शर्मा ने अपनी ही पार्टी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने जयराम ठाकुर का नाम...
शिमला: हिमाचल की मंडी सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे जयराम सरकार में मंत्री अनिल शर्मा फिर से विवादों में आ गए हैं। उनको लेकर प्रदेश में सियासत गरमाई हुई है। अनिल शर्मा ने अपनी ही पार्टी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने जयराम ठाकुर का नाम लिए बिना ही उनपर तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने इंटरव्यू के दौरान कहा कि सियासी हालात कई बार लोगों को सीएम और मंत्री बना देते हैं, लेकिन नेता बनने में समय लगता है। अनिल शर्मा ने कहा कि वीरभद्र सिंह, शांता कुमार, धूमल और सुखराम सही मायने में नेता हैं।
अनिल ने कहा है कि आश्रय शर्मा को टिकट देना कांग्रेस हाईकमान का फैसला था और उन्होंने भाजपा के सामने मंडी सीट के अलावा हर जगह प्रचार करने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन इस बात पर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है। लोकसभा चुनाव में पंडित सुखराम के प्रभाव पर पूछे गए सवाल पर अनिल ने कहा कि वे विकास पुरुष हैं और संचार क्रांति का श्रेय उन्हें जाता है। भाजपा द्वारा इस्तीफे की मांग पर उन्होंने कहा कि उन्हें पद से हटाने की बात बेबुनियादी है। उन्होंने कहा कि उन्हें कुर्सी का कोई मोह नहीं है और हटाने की बात तो तब है जब वे खुद न हटना चाहे। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री जयराम बोलेंगे तो वे एक मिनट में इस्तीफा दे देंगे। यह बात उन्होंने पंजाब केसरी से खास बातचीत के दौरान कही।
जानिए मंत्री पद पर क्या बोले अनिल शर्मा
अनिल शर्मा ने कहा कि अगर ऐसा पार्टी ने किया है तो यह घटिया राजनीति है। मैंने पहले ही कहा है कि बेटे के विरोध में प्रचार नहीं करूंगा और न मंडी संसदीय सीट पर भाजपा के लिए। पार्टी मंत्री पद का झुनझुना पकड़ाकर मेरी और मेरे परिवार की भावनाओं से नहीं खेल सकती है। अगर मुख्यमंत्री चाहें तो मैं मंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं।